प्रामाणिक आलेखन और टिप्पण | Pramanik Alekhan Aur Tippan

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Pramanik Alekhan Aur Tippan by प्रो. विराज - Pr. Viraj

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पारिवारिक पत्र १३ सम्बस्ध तथा मर्यादा के अनुसार व्यक्तिगत पन्नों की रूपरेखा निम्नलिखित होगी (माता/पिता तथा उनके समकक्ष सम्बन्धियों के लिए) पुज्य पित्ता/चाचा/मामा जी, ॥ सादर प्रणाम/नमस्ते ! श्रापका प्रिय पु्र/मतीजा।माजा ( हस्ताक्षर ) ०११५१५१११०१०१०५००१ (सपने से बड़े भाई श्रौर उनके समकक्ष परिचितों के लिए) श्रादरणीय/माननीय भाई जी, सादर नमस्ते ! झापका स्नेहमाजन (हस्ताक्षर) ः (भपने समदपस्क मिनो तया परिचितो के लिए) प्रिय भाई राम, या प्रिय राम, सप्रेम नमस्ते !




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