इंगलैंड का शासन और औधोगिक क्रांति | England Ka Shasan Aur Audhogiki kranti
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
136
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)बादशाइ श्र प्रिवी को सिल ७
(३) शासन विधान को परिभाषा समकाइये श्रौर भारत के शा सन-
विधान का संक्षेप में वणुन को जिये |
(४) सरकार के प्रधान श्रज्जों का वणन कीजिये । इड्जलैन्ड की
सरकार के प्रधान श्रज्लों की भारत की सरकार के प्रधान श्रज्जों से
तुलना कीजिये ।
(५) इज़लैन्ड की शासन-पद्धति का मददत्व संक्षेप में समभाइ्ये ।
(६) भारतवासियों को इज़लैन्ड को शासन पद्धति का श्रध्ययन
क्यों करना चाहिये {
दूसरा अध्याय
बादशाह ओर प्रिवी कौंसिल
हम बतला चुके है कि शासन के तीन श्रद्ग होते हे । उसमे
बादशाह का प्रधान स्थान रहता है। इस अध्याय मे हम इङ्ग-
लंड के बादशाह के श्रधिकार श्रौर कतग्यों के सम्बन्ध में विचार
करते हैं ।
बादशाह के पद का आरम्भ-नवीं शताब्दी से पृं
इङ्गलैड में बादशाह का पद नहीं था । सारा देश स्वतंत्र सरदारों
के द्ाथों में था । प्रत्येक सरदार झपने कबीले का प्रधान होता
था । इन सरदारों के अधिकार सीमित थे। हरेक जाति या
कबीले की एक सभा होती थी । समय समय पर यह सभा
श्रपनी जाति का दूसरे कीले से लड़ना निश्चय करती
थी; छर प्रधान के मरने पर राजपरिवार के व्यक्तियों में
से किसी को यदद अपना मुखिया निर्वाचित करती थी । उस
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