विश्व साहित्य की रूपरेखा | Viswa Sahithya Ki Roop Rekha

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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भ्रय्रेज़ी साहित्य १७ दिलो मे श्रात्मविदवास उत्पन्न करनेवाली कृति का सृजन (१२००) लायामन ने किया । लायामन ने वारसे की कृति “ब्रूट' का भ्रनुवाद प्रस्तुत किया था, जिसमे ना्मन्ञ की बवेरता का चित्रण है कितु उसने अ्रपनी ओर से भी कहानिया जोडी हैं जिनमे किंग अॉर्थर की कहानी उल्लेखनीय है । नामंनज़ के अतिरिक्त और भी बहुत-से प्रभाव काम कर रहे थे । अरब, जिन्होंने भारत श्रौर चीन से बहुत कु सीखा था, समस्त यूरोप को नये विचारो से ऋद्ध कर रहे थे । क्र सेडज (्र्थत्‌ यूरोसेलेम को तुर्को से द्ंडाने के लिए ईसादयोने जो युद्ध किए) ने मी नये विचारो का सचार किया । इसके फलस्वरूप इग्लैड मे भी स्फूति दिखाई देने लगी ¦ “कसंर मुडी' (१३२०) जो न्यु दैस्टेमेट' की कहानियो का सग्रह है एक रूवं ग्रथ है । इससे पुव १३०३ मे रोबरटं मानिग ने फ़ेच कहानियो का अनुवाद प्रस्तुत किया था जिसका लोकपरक साहित्य मे अ्रपना स्थान है । इनके प्रतिरिक्त, फेबल्ज, जिनपर पचतत्र की कहानियो का प्रभाव दीख पडता है, प्रचलित हुई । इन कहानियो मे दि वीपिग बिच , दि फॉक्स ऐड दि वुल्फ, “स्प्रिग टाइम” तथा दि साग भ्रफ दि हजबेडमन' प्रसिद्ध दै । इस काल के लेखकों मे से केवल एक ही लेखक के जीवन-चरित का पता चलता है । वह्‌ था रिचडं रोल्ले3, जो पुराने तपस्वी सतो श्रौर फॉक्स, बुन्यन तथा वेज्ले मे सयोजन का काम करता है । इस काल का श्रत लॉरेस सिनोट* से होता है जिसने एडव्ड तृतीय * की विजयो का हाल लिखा । इग्लेड मे एक नई शैली का उद्धव होने लगा जो व्यग्य प्रधान थी । इसदोली का रूप दि श्राउल रेण्ड दि नार्दटिगेल' मे दिखाई देता है । लैटिन भर फ्रेच का रोमास (एक प्रकार का रौं काव्य) के प्रभावाधीन ईग्लेड मे 'हिवलोक' तथा हने की रचना हई! इसी प्रभाव के फलस्वरूप श्रॉथर की गाथाएं पुन जीवित हौ उटी । : २; अंग्रेज़ी काव्य चॉसर श्रौर उसके परवर्ती (१३५०-१४५१६) ्राघुनिक भ्रग्रेजी काव्य-साहित्य का ्रारभ ज्योफे चांसर से होता है। चांसर सैनिक, राजनीतिज्ञ और विद्वाच्‌ था। मध्यं वर्गीय होने के नाते राजदरवबारो श्रौर साधा- १, 1258107, २ 00६६ 21871117, ३ 1602.4 ९01६ ( ज० १२६९० ) # & दण्ला८€ (0०६, ५ 49870




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