जाति अन्वेषण भाग १ | Jati Anveshan Volume -i
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9.53 MB
कुल पष्ठ :
324
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)जाति निगाय निदान ।
मंडल के दिट्वानो ! जाति निर्गय के सम्बंध में निश्नलिखित
संकेत्तों का भी निपटारा हो जाना चाहिये क्योंकि कोई इन वातों को
धर्माइकूल मानता है, तो कोई धर्म विरुद्ध, थतएव इनका नि्गय हो
जाना भी धत्यावश्यक हैं । भौर यह निपटारा भी होजाना चाहिये
कि नीचे लिखे संकेतों का होना या न होना जाति के उच्च
का पोषक व बाधक है था नहीं ?
, (क्या विधवा विवाह करना बोधक तथा न करना
द्विनल वोधक है £ भ्रथवा विधवा विवाह प्रणाली का द्विनतवं
तथा शूट्रत्व से कुछ भी सम्बंध नहीं है १
२-मांस का खाना वर्गत्व से सम्बंध रखता है या नहीं ?
३-शराब पीना धर्मशास्रों में महापाप माना है थ्रत्रव कायस्थ व
राजपूत भ्रादि नातियें जो शराब पीती हैं वे द्विनान्तर्गत लिखी
व मानी जाय या नहीं १
४-मर्य्यदा पुरुषोत्तम श्री रामचन्द्र जी महाराज के एक ख्री श्रीमहा-
रानी सीता जी थीं श्रतएव श्राज कल जो एक एक पुरुष के
तौसौवदो दो सो ल्रियें, रानियें, पासवान, दरोगणें, व
रंहियें हों वे जाहियें किस ब्ण में मानी लॉय १
भ्-मांस खाने व झराव पीनेवाली जातियें किस वर्ग में लिखी जांय :
ई-भाख के ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, रईस छोग जो मुसलमान रंडियों
के तथा गोरी वीवियों के श्रथवा मैमों के मुंह से मुंह मिलाकर
थूक चाटा करते हैं वे किस वर्ण में लिखे जांय ?
७-जिन द्विजों में मांस मदिरा का प्रचार है वे किस वर्ग में लिखे जांय १
द-जिन दविजों के यहां खान पान में कच्ची पक्की रसोई का विचार
नहीं है श्र्थात् जो एक जगह की वनी दाल, रोटी, चावल आदि
दूसरी जगह ले जाकर खाते हैं वे किस वर्ण में लिखे जांय £
६-जिन द्विनों के यहां हाथीदांत का चूढ़ा पहिना जाता है वे
किस वर्ण में माने जांय !
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