जैनत्व की झाँकी | Jaintva Ki Jhanki
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
198
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)देव रे
लोक के पूजनीय हों, केवल ज्ञान वाले हों, परम शुद्ध
ग्रात्मा हों ।
तुम प्रन कर सक्ते हो, इस प्रकार रागग्रौर दष के
जीतने वाले कौन जिन भगवान् हए हैँ ? एक दो नही, अनन्त
हो गए हैं। जानकारी के लिये एक दो प्रसिद्ध नाम बताए
ইবা ₹? |
^ वतं मान काल-चक्र मेँ सबसे पहले जिन भगवान् ऋषभ
देव हुए हैं । आप भारतवर्ष की सुप्रसिद्ध अयोध्या नगरी के रहने
वाले राजा थे। आपने राजा के रूपमे न्याय-नीति के साथ
प्रजा का पालन कियां, और बाद -में संसार त्याग कर मुनि बने
एवं रागनदेष को क्षय करके जिन भगवान् हो गए, मोक्ष में
पहुँच गए ।
भगवान् नेमिनाथ, भगवान् पाइवेनाथ, और भगवान्
महावीर भी जिन भगवान् थे । ये महापुरुष.राग और हं ष को
पूर्ण रूप से नष्ट कर चुके थे, केवल ज्ञान पा चुके थे । अपने-
अपने समय में इन्होंने जनता में अहिसा और सत्य की प्रारा-
प्रतिष्ठा की, और राग-द्व ष पर विजय पाने के लिए सच्चे
आत्म-धर्म का उपदेश देकर आत्मा को परमात्मा बनाने का
मार्ग प्रशस्त किया ।
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