जैनत्व की झाँकी | Jaintva Ki Jhanki

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Jaintva Ki Jhanki by उपाध्याय अमर मुनि - Upadhyay Amar Muni

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about उपाध्याय अमर मुनि - Upadhyay Amar Muni

Add Infomation AboutUpadhyay Amar Muni

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
देव रे लोक के पूजनीय हों, केवल ज्ञान वाले हों, परम शुद्ध ग्रात्मा हों । तुम प्रन कर सक्ते हो, इस प्रकार रागग्रौर दष के जीतने वाले कौन जिन भगवान्‌ हए हैँ ? एक दो नही, अनन्त हो गए हैं। जानकारी के लिये एक दो प्रसिद्ध नाम बताए ইবা ₹? | ^ वतं मान काल-चक्र मेँ सबसे पहले जिन भगवान्‌ ऋषभ देव हुए हैं । आप भारतवर्ष की सुप्रसिद्ध अयोध्या नगरी के रहने वाले राजा थे। आपने राजा के रूपमे न्याय-नीति के साथ प्रजा का पालन कियां, और बाद -में संसार त्याग कर मुनि बने एवं रागनदेष को क्षय करके जिन भगवान्‌ हो गए, मोक्ष में पहुँच गए । भगवान्‌ नेमिनाथ, भगवान्‌ पाइवेनाथ, और भगवान्‌ महावीर भी जिन भगवान्‌ थे । ये महापुरुष.राग और हं ष को पूर्ण रूप से नष्ट कर चुके थे, केवल ज्ञान पा चुके थे । अपने- अपने समय में इन्होंने जनता में अहिसा और सत्य की प्रारा- प्रतिष्ठा की, और राग-द्व ष पर विजय पाने के लिए सच्चे आत्म-धर्म का उपदेश देकर आत्मा को परमात्मा बनाने का मार्ग प्रशस्त किया ।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now