मोहब्बत का पैगाम | Mahobbat Ka Pegam

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Book Image : मोहब्बत का पैगाम  - Mahobbat Ka Pegam

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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‡ १ ‡ तिहरा काम : देखना, सुनना, प्यार करना [ श्रारम मे जम्मू-कश्मीर राज्य के प्रधान मत्री ची वक्शी शुलाम मुहम्मदजी जे पू० विनोवाजी कै स्वागताथं भाषण किया । वाद्‌ ঈী पू विनोवाजी ने कदा . ] पंढरपुर मे एलान आज मुझे कितनी खुशी हो रही है, इसका बयान ल्फ्जो में नहीं हो सकता । करीच एक साल हुआ, सर्वोदय-सम्मेषन पढरपुर मे हुआ था। वहाँ हमने जाहिर किया था कि अब हम कश्मीर जाना चाहते हैं | इसलिए इसके वीच का प्रोग्राम इधर-उधर जाने का कुछ कम करना पड़ा । सारे मारत मे ओर शायद भारत फे बाहर दूसरे देशों में भी यह बात णाहिर हो गयी कि बावा कश्मीर जा रहा है। मेरे आने के पहले अच्छे काम मेरे कश्मीर आने के पहले यहाँ कुछ बातें अच्छी हुईं, जो मेरे यहाँ आने मै मददगार होंगी और काम के लिए. बहुत ताकत देनेवाली होंगी | एक तो यह कि यहाँ बाहर से आने के लिए, पान्रदियाँ थीं। उसका अब कोई कारण नहीं मालूम हुआ | इसलिए अब वह हटा दी गयी हैं । हम समझते हैं कि हमारे लिए यह एक बहुत बड़ी बात है। दूसरी बात, हमने अखबारों मे पढ़ा है कि यहाँ जमीन का सीलिंग हुआ है और उसके ऊपर की जमीन बॉटी गयी है और बॉटी जा रही है। लेकिन एक बात हमारे आने से पहले जाहिर हो गयी है कि जो जमीन सरकार की तरफ आयेगी, चह वेजमीनों को दी जायगी | यह एक बहुत बड़ा काम हुआ है। मेरे आने के लिए, यह एक शुभ बात हो गयी है।




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