चोली - दामन | Choli Daman

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Choli Daman by कर्तार सिंह दुग्गल - Kartar Singh Duggal

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१५ हँसी जकड़ दी हो। सोहणे शाद्द ने सोचा कि लड़के को यों दँसता हुआ्रां कक सैदन ने उसे मिड़का होंगा, उसके किसी बड़े भाई ने संकेत किया हंगो | नदी पार करके सोहरणे शाह जब दूसरे किनारे पर पहुँचा, तो उसने देखा--सामने एक टीले पुर तीन-चार गुण्डे तुर्रा छोड़े हुए. लम्बी-लम्बी बोहों से कभी एक और कमी दूसरी ओर इशारा कर रहे हैं. और बातें भी किये जाते हैं | एक के हाथ में एक लम्बा-चौड़ा काग़ज़ है, जिसमे से वे कुछ पढ़ने का प्रयत्न कर रहे हैं । कोई नया पटवारी होगा, शायद कोई अपनी जमीनों की पड़ताल करवा रहा होगा--सोहणे शाह ने सोचा | शाम हो रही थी । सोहे शाह की समभ में नहीं आता था कि आज उसका दिल क्‍यों बैठता जा रहा था, उसे बुरे-बुरे विचार क्यों आ रहे थे--धर पहुँचकर वह चारपाई पर गिर पड़ा, उसने न कुछ खाया, न कुछ पिया |




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