याज्ञवल्क्य स्मृतिः | Yagyvalkyasmruti
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
47 MB
कुल पष्ठ :
720
श्रेणी :
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No Information available about श्री कृष्णदास श्रेष्ठिना - Shri Krishnadas Shreshthina
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)विषयानुकमाणिका ।
(९)
से० विषय, ; पृष्ठ, सं विषय, प्रष्ठ.
অথ उपनिधिप्रकरण ॥ ४ ॥ ४४६ साक्षीके वदनकी परीक्षा ,.., २२४
४१८ उपनिधि धरोर द्रभ्यका लक्षण... २१५ | ४४७ क्रियाका बलाबल निके
११
४१९ उपनिधिके दानमे अपवाद
४२० उपानिधिके उपभोक्ताको दंड ...
४२१ उपनिधि धर्मोंका याचितका-
दिकोंमें आतिदेश
इति उपनिधैप्रकरण || ४ ॥
अथं साक्षेमकरण ॥५॥
४२२ साक्षिस्वरूपका वणेन . . .
४२३ साक्षीकेभेद
४२४ कृतसाक्षी
२५ अकृत साक्षी
२६ छिखितादि साक्षियोके मेद
५४9२७ साक्षियोंके छक्षण और संख्या
४9२८ दोपसे असाक्षी. . खा
४२५ भेवसे असाक्षियोंका स्वरूप ...
३० स्वये आकर बोलनेका स्वरूप ..
४३१ असाक्षी .., २१९
२२ एक साक्षीके विषयमे निर्णय 7
४३३ चौयांदिफोंमें वज्ये साक्षीकोंभी
তলা ৮... ... ...
११
११
७9०
४२४ साक्षीका सुनाना ,.. २२०
४३५ ब्राह्मणादिकोंमें सुनानेका नियम
४३६ उसका अपवाद... .. २२१
४२७ साक्षीको दुषण देनेका खङ .... ১,
४३८ साक्षी सुनानेका प्रकार... .... ° |
2१
२२२
११
४३९ साक्षीको त्रास देनेमें निर्णय ....
४४० साक्षी नहीं कहे वहां कर्तव्य ....
४४१२ साश्ष्यके अनगीकारमें निर्णय...
४४२ कृटसाक्षिर्योको ভুত
४४३ दो प्रकारके साक्षी हों तहां निर्णय २२३
४४४ जय पराजय जाननेके विषयमे
निर्णय ध: ५
४४५्साश्षिर्योका स्वभावोक्त वचन
. केनेमे निर्णय ..
|
११
११
११
29 |
1
9,
1 ४५८ दो प्रकारका ठेख्व ...
विषयमे निणय कमः कथम ই
| ४४८ साक्षीके दोष जाननेमें निर्णय .... २२५
४९ कृट मत विषय ,.. ... २२६
४५०० साक्षियोंको दंड ११
। ४५१ ब्राह्यणकृटसाश्षिके विषयमे निर्णय २२७
। ४५२ छोभादिकारणविषशेषमें दंड ` ... £
४५३ जाह्यणको हारीरर्दडका निषेध...
४५७ साक्ष्यको छिपानेमें दंड... ,,.. २२८
४५५ जाननेवालेको साक्ष्यके अर्न॑-
गीकारमें निणेय রর 4
४५६ ब्रणियोंके बधमें असत्यसाक्षिकी
आज्ञा ह
५७ असय भाषणमें प्रायधित्त
दति साक्षि प्रकरण ॥ ५॥
अथ रेख्यप्रकरण ॥ ६ ॥
०००७ २३०
११
१9
2)
११
४५५९ अन्यङृत टेख्यमें विशेष ५
| ४६० लेख्यमें संवत्सरादिकोंका निविश +
| ९१ लेख्यकी समाप्रिमें अधमणकी
सम्रात॑ ...« «००० ३२०
४६२ लेख्यमें साक्षियोंका विशेष .... २३१
| ४६२ ठेखककी संमति =. ~~“ ৮
77
| ४६४ स्वत लेख्यमें विशेष ....
४६५ छेख्यमे आरूढ ऋणके
| विषयमें विशेष ...
४६६ बलात्कारकृत लेख्यमें विशेष ....
४५६७ उपका अपवाद. . . নর;
४६८ जीर्णादिपन्रोंमें निणेय ...«. «-«« २३३
४०६९ देशांतरस्थ पत्र छानेकी काछावधि. ??
४७० राजकीय पत्रके विषयसें निर्णय
४७१ राजकीय जयपजत्रंक विषयमें
निणय ह क
४७२ सभासदोंके पत्रविषयमें निर्णय
०७७
२३२
29
8७७6 5
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