कम्पनी व्यापार प्रवेशिका | Compani Vyapar Praveshika

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Book Image : कम्पनी व्यापार प्रवेशिका  - Compani Vyapar Praveshika

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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হ্‌ कम्पनी व्यापार प्रवेशिका पदतिका घापिष्कार करापा 1 ज्यो स्यो व्यापार यदृता है, स्यो सपों उसमें पदलेशी भपेज्षा पिशेष पूजी मौर विशेष श्रम सादिसी ज़ररत ऐनी दे । साप्य मो इन्‍्दीं सुविधाओंको झुटाने- के छिए निरला दोगा, ऐसा एम सदजदीमें फद सफने हैं। सामेका प्रथम दोपक-ज ^ / सासैफी पद्धतिमें सयते पदली रामी जो अब मालूम पड़ती है, पद पूजी सम्बन्धो है 1 धाजका व्यापार अन्तर-राष्ीय, अन्तर- जातीप दपम्‌ विष्यन्यापौ है! भाअफे व्यापा प्रतियोगिता मीर प्रतिदन्द्ताफा साप्राज्य घदँ मोर फरीछा हुआ है। इस द्वाटतमें सफलता पानेफे छिप, व्यापारमें छापोंकी दी महीं,घरन्‌ फरोड्रोंकी पूँजी छगानी पड़ती दै। इसका सम्बन्ध दो वर्स ्ो सकता र भयम सम्प सौर दूसरा फर्म । पमे धयया उधार खेनेके लिये, जमी हुई पेठ भौर अच्छी জাজ होना घादिये। सा अच्छो आर्थिक-सितिसे जमती है। परन्तु भच्छी साप सौर पैट दोनेपर मी यद नहीं फा जा सकता पि, प्रत्येक व्यापारी क्षपतरों स्थितिसे बाहए, फज्ले आदि छे सकता है। भठपत, अच्छी पेठ घाछा शतपति, घुरी पैंद पाले सदस्न- पतिफी अपेक्षा दश गुना अधिफ व्यापार फर सकता है। परन्तु इसकी भी एफ सीमा दै। इसलिये जमानेके उपयुक्त व्यापार আয योष्य पूजी कमै दास नी जख जा सक्ती 1 सीरन ऐसा साध द्वारा ही चन सकता दै। थोड़ेसे छक्षाघिपति अपने खच श्रकारफे व्यापास्का सड्ोच फर, किसी एक व्यापारमें




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