शोषण मुक्ति और नव समाज | Shoshan Mukti Aur Nav Samaj
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
115
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about अप्पासाहच पटवर्धन - Appasahach Patvardhan
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)४२४
शोपण के प्रकार और इलाज
१, भूमिका खामित्व
भूमि फा खामित्व शोपण का आय और मुख्य साधन ह ।
इईश्वरनिर्मित भूमि जो खुली पड़ी थी, उसे मनुष्य ने छेका, हृथि-
याया; दूसरों को उस भूमि पर पैर रखने की मनादी फी ।
ममुष्य पहले झंगयाजीवी था; परओं की सरह ही भूख
छूगमे पर अपने भक्ध्य के लिए भटकता फिरता और कन्दमूल
कल जैसे अनायास मिलनेयाले पदार्थ साता था अथवा सरदा,
द्विरन, सुर्गों, भेड़न्चकरी, मेंस जैसे स्थडचर; तीतवर, कबूतर जैसे
खेचर अथवा मछटी-फछुए जैसे जलचर प्राणी जो पहाँ मिलते
मार कर या जाता था।
থাই उसने झुर्गे, भेड़-चकरे, गाय-बैछ, ऊंट आदि पशु-पक्षियों
को पाछनू बनाने की चरकीय ट् निकाटी ओर धद् गोपाट-
वृत्ति से ज्ञीन छगा। अपने पञ्ञओं फो चराना, जय आवश्यक हो,
पाठनू पशुओं को मारकर उनका मांस सा जाना और उनकी
खाल ओद्या, एक जगद फा चारा समाप्त दोने पर अपने पशुओं
फो छेकर ऐसी जगद जाना तद्दों घारा भिडे--इस प्रकार यह रदने
হলো | इसी समय में उसने হহলনেবেনা হী আব দীসা
( अर्थात् गोवंश फे रक्षक परिवार ) यने ।
আং হাত समय वाद उसने गेवीणी का आविष्टन री ।
ग्येती पा आविष्यार होने पर थी मनुष्य एक जगह घर बनाकर
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