शेली | Shely
लेखक :
यतेन्द्र कुमार - Yatendra Kumar,
रामधारी सिंह 'दिनकर' - Ramdhari Singh Dinkar,
रामविलास शर्मा - Ramvilas Sharma
रामधारी सिंह 'दिनकर' - Ramdhari Singh Dinkar,
रामविलास शर्मा - Ramvilas Sharma
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
564 MB
कुल पष्ठ :
174
श्रेणी :
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यतेन्द्र कुमार - Yatendra Kumar
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रामधारी सिंह 'दिनकर' - Ramdhari Singh Dinkar
रामधारी सिंह 'दिनकर' ' (23 सितम्बर 1908- 24 अप्रैल 1974) हिन्दी के एक प्रमुख लेखक, कवि व निबन्धकार थे। वे आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में स्थापित हैं।
'दिनकर' स्वतन्त्रता पूर्व एक विद्रोही कवि के रूप में स्थापित हुए और स्वतन्त्रता के बाद 'राष्ट्रकवि' के नाम से जाने गये। वे छायावादोत्तर कवियों की पहली पीढ़ी के कवि थे। एक ओर उनकी कविताओ में ओज, विद्रोह, आक्रोश और क्रान्ति की पुकार है तो दूसरी ओर कोमल श्रृंगारिक भावनाओं की अभिव्यक्ति है। इन्हीं दो प्रवृत्तिय का चरम उत्कर्ष हमें उनकी कुरुक्षेत्र और उर्वशी नामक कृतियों में मिलता है।
सितंबर 1908 को बिहार के बेगूसराय जिले के सिमरिया ग
रामविलास शर्मा - Ramvilas Sharma
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पाश्चात्य प्रभंजन (--शेली !
(१७६२--१८२२)
हस भविष्यवाणी का बन जा, अ्य्र तू शंखनाद भरपर 1
श्राया है यद्वि शरद्, रह सकेगा वसत फिर क्या श्रय दुर ?
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