जैनत्व की झांकी | Jainatva Ki Jhanki
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
238
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)षह ও
মাছ দাদ
चत तारणो ते पाँच भहाप्रत बतलानें हैं, छो प्रत्पक प्ताशु रौ भाई
बह छोटा हो भा बड़ा लबस्य पाशन करने हौते हैं “८
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बूसरो के करबाता हर करते बालों का अतुमोदत «सजर्थतत करषा ।
(१) कत्प 1
मत से बचत से क्षपतर श्र मे स्व छूठ से धोलता हर डूघरों ऐप बुलगागा
ले बोखने बालों का अतुमौदत करता ।
(१) गौरथ
जते बचने तस्यं नोरी करता नदतो धै करवाना तकरएवै
बातों का अतुओरष करता।
(४) ब्रत
দল मचा से अरौरतपे बंबूस>॑व्यजिभ्ार त स्थव शैगत करता
लू दूसरौ पे करबाता श करने बाशों का अभुमौदष करता ।
(१) भपरिण्
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के रखचाता त रक्षतै बालों का अभुगौदत करता 1
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केर बिगढों का प्रलत हृए कोई तद्दी कर छकता 1
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तरह साथुर्यों दौ बरपार है। जाज कृप्पत ाक्ष ताशु लाभशारियो कौ छौल
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