भारत भूमि और उसके निवासी | Bharat Bhumi Aur Usake Nivasi

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Bharat Bhumi Aur Usake Nivasi by जयचन्द्र विद्यालंकार - Jaychandra Vidhyalnkar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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শি { १९ पतवैद्‌. यदेलयंठ, काशल । चोर कोशल मे वार प्रदेय दोगे- उत्तर कोशल, कौशास्बी, फारुष, दत्तिण कोशल। यह प्रश्न आलोचना के लिये दोड़ा ज्ञात हैं। इन शंकाशों का केन्द्र चेदि-कोशल नाम है. जद्दों का में निवासी हूँ, इसलिये इस विषय पर मुझे अपनो राय प्रकट करना अमीष्ट शान पह़ता हैं। मिन कारणों से ग्रेरित दो कर पंडित जी मे चेदि-कोशल नाम चुना है दे प्रू० २०४५-२५७ में दिये मेरी समम मचे काफी जान पडते र ) यथाथ मे महाकाशल का दिस्तार प्राचोन काल में निदाने वेधा नङ तक था शौर उसमे वर्तमान चार मराठी ज़िले ` श्वयान्‌ भंडारा, नागपुर, कधा, चौर चादर मी शामिज्त ये । चीनी यात्री युदनच्वग के श्रमण के सगय मक्षकसल रो रालवानी चांद ही जिले में भद्रावती वतमान भांदक में थो। पश्चात्‌ वह राबपुर छिले के भ्ीपुर वततमान सिरपुर को सन्तरिति कर दी गह थी। हेहय अथवा ऋलचुरि नरेशों का राष्य चेदि नाम से चलता था और भ्रासपास डी जो मूमि राष्य में ्राती जाती थी वह चेदि में ममाती शादी थी असा कि बतंसान समय में मिटिश भारत में हो रहा हैं । महाकीशल चेदि राज्य का एक भाग था जिसमें कलचरि बंश के माएडलिक च्रिपुरी-नरेश के अधीन राग्य फरते थे। न्वयं त्रिपुरी ( चर्तमान तेवर ) जो मेरे एक মাল से पाँच मील को दूरा पर है. ढाहल मण्डल के अन्तर्गत थी जिसका विस्तार मलकापुरम के शिलालेस में यों दिया है सि विश्बन्भरासारः फमलाङलमन्दिरम्‌ 1 आयीसयीस्स्संदयोसंध्यं डहलमण्डलपू 1 इसलिये जिस प्रांत का नाम पडितयी से चेदि कोशल रखा उसके लिये ययार्य में केबल चेदि काशी धा परन्तु यह नान चहुत्त काल से विस्मत हो चक्ा है । इसलिये उसमे शोशल जोह হল से ভুউি কলা জা জারা हे ' जिपुरा की राध्य आट्राय ৮ ধু বাছুর টি




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