ऑक्सीजन और जीवन | Oxygen Aur Jeewan

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Oxygen Aur Jeewan by श्री रामेश्वर - Sri Rameshvar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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जलना, ससि लेना श्रौर वायुमण्डल 18 दिया था, यदि उस गिलास में थोडा-सा चूने का पानी डाला जाय तो वह दूधिया हो जायगा। वस्तुओ्रों के जलने से एक प्रकार की गैस पैदा होती है, जो चूने के पानी को दूधिया कर देती है | इस गैस को कार्बेन- डाई-श्रॉक्साइड कहा जाता है। प्राणियों के साँस लेने की क्रिया के भी दो भाग होते हैं । एक बार साँस द्वारा हवा कोशरीर के अन्दर खींचते हैं तथा क्रिया के दूसरे भाग में तुरन्त ही उसे बाहर निकालते हैं। एक बोतल में चूने का पानी लिया और उसमें अपने मुह से फूँक मारी । अरे, यह क्या ? यह चूने का पानी भी दृधिया हो गया | इससे यह सिद्ध होता है कि जो गैस वस्तुओं के जलने से पैदा होती है, वही गेस हमारे द्वारा शरीर से बाहर छोड़ी गई हवा में भी होती है; अर्थात्‌ साँस लेने और वस्तुओं के जलने दोनों क्रियाश्रों




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