जंजीरें और नया आदमी | Janjirin Aur Naya Aadmi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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--जरा किसी और को बुला लेते | दोनों पिड़लियाँ चढ़ गयी हैं । पंखे जवाब दे रहे हैं । --अ्रच्छा, अच्छा,---कहकर बेगा मुड़ा ही था कि बड़े सरकार की आवाज़ आयी--क्या हुआ १ बेंगा और जुमना ने एक ही साथ कहा--कुछ नहीं, सरकार, जरा पियास लगी थी |--और जुमना के अश्रकड़े हाथ और भी तेज्ञ चलने लगे । शम्मू ने कहा--छोटे सरकार की एक चिट्ठी मेरे पास आज आयी है । तीनों उत्सुकता दिखाते हुए उसकी ओर देखने लगे । बड सरकार ने पूछा--क््या लिखा है ? चिटटी लाये हौ ! “चिट्ठी आपको दिखाना मुनासिब नहीं। उसमें कुछ हमारी प्राइ- वेट बातें हैं |---मुस्कराकर शम्मू बोला--लेकिन जो बताने की बात हे, वह बताये देता हूँ | छोटे सरकार ने कमीशन में जाने की बात ते कर ली है | वह जल्दी ही यहाँ आपसे सलाह-मशविरा लेने आ रहे हैं । --ग्रह कमीशन क्या होता है, बेटा --पुजारीजी ने पूछा । --जिसे किंग्स कमीशन मिल जाता है, वह फौज में लेफ्टिनेन्ट हो जाता है। लेफ्टिनेन्ट स तरक्की कर कैप्टेन, मेजर, लेफ्टिनेन्ट कनल, कनल आदि के पद पर पहुँचने का रास्ता खुल जाता है । यह तो कोई बहुत बड़ा ओहदा होगा न, बाबू पहलवान सोदागर ने पूछा । --और क्‍या ? यह सबको थोड़े ही मिलता है। बड़े-बड़े राजा- महराजा,नवाब-ताल्लुकेदार, ज़र्मीदार-रईस के खान्दानवालों को मिलता है। बड़ी शान होती है। तनखाह भी खूब मिलती है। “वह रतसड़ से बाबू सहजा सिंह के कोई भाई क्‍या किसी ऐसे ही प्रोहदे पर हँ !-- वे्यजी ने जानना चाहा । --हाँ, वह लेफ्टिनेन्ट हैं । ११




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