यह नरदेह | This Is Nar Deh Hai
श्रेणी : काव्य / Poetry
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
28.27 MB
कुल पष्ठ :
854
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)दक्षिण भारत के अधिदासी इनकम टंवस ऑॉफिसर मिस्टर वरदराजन गुरुस्वामी बरावर भोर चार बजे प्रात श्रमण_ के लिए निकलते हैं । उस दित भी उसी तरह भ्रमण करने के खयाल से निकले थे। अपने सेंट्रल के निवास- स्थान से निकल हर रोज जिस तरह विडन स्ट्रीट पकड़ कनेंवालिस स्ववायर की तरफ घूमने निकलने थे उस दिन भी निकले थे । हाय मे एक छड़ी थी । सड़क सुनसान । कही कोई भी नही । वह मन ही मन कुछ सोचते हुए जा रहे हैं। एकाएक सड़क पर एक भारी लंवी जैँसी चीज़ पड़ी देख ठिठककर खड़े हो गए । ध्यान से देखने लगे । यह क्या है ? वहां कौन-सी चीज पड़ी हुई है? किसने कौन-सी चोज फेंक दी है 2. कुछ देर वाद ही समझ गए कि यह एक आदमी है । एक आदमी सड़क पर तिरद्धे पड़ा हुआ है । हो सकता है लेटा हुआ है सो रहा है-- लेक्नि सड़क पर कोई कया इस तरह सोता है? खासकर सरदियों के इस मौसम सिर झुकाकर गौर से देखने को कंशिश करते हो मिस्टर गुरुस्वामी चौंककर दी कदम पीछे हट गए । यह आदमी तो मर गया है इस समय उन्हें क्या करना चाहिए समझ में नहीं आया । अपने इदृ-गिर्द नजर दौड़ाकर उन्होंने देखा । कहीं कोई नहीं था । तमाम लोग ढंड की जढता के कारण रजाई-वंबल ओइ खिड़किया और दरवाजे वन्द कर आराम से सो रहे है । अचानक कर्नवालिस स्ट्रीट की तरफ से आती हुई एक गाड़ी के हेडलाइट की रोशनी से बह चीज स्पष्ट दिय गई । लेकिन सिर्फ एक सेकेंड के लिए ही । उसके बाद गहरा अधेरा उतर आया । उस एक सेकेंड के दरमियान ही वे समझ गए कि यह एक शव है लेकिन पुरुप का नहीं एक महिला का शव है। मिस्टर गुरुस्वामी ने ऊपर की ओर ध्यान से देखा । जिस मकान के नीचे मृत देह पडी हुई है उसके उपर एक तीन-मज़िते भवन का छज्जा है । वह छज्जा मकान से तकरीवन तीन फीट फुटपाथ की तरफ वाहर निकला हुआ है । लगता है वही से किसी ने मृत देह को फेंक दिया है । या फ़िर उस महिला मे छत से कूदकर आत्महत्या कर ली है मिस्टर गुरुस्वामी इस भयकर खोज को दहशत से थरथर काप रहे थे । उन्होंने मकात के सामने के गेट के करीब खड़े खभे पर लिखें मकान के मम्बर को पढ़ा । उन्हे पता था कि इस अचल का थाना कहा है । रात के आखिरी पहर का थाना । थाने के आदमी ठंड से सिकुडे हुए है। जो लोग ड्प्रूटी पर है वे भी राघि-जागरण के कारण थककर चूर हो गए हैं। ठड़ की जडता के साथ-साथ अनिद्रा की जडता का चिद्भ भी उनके चेहरे पर है । ऐसे में गुरुपद रवामी को देखकर उन्हें कब का अहसास हुआ । ओर सो हैं? एक आदमी ने कहा वे क्वार्टर मे सोए हुए है। मिस्टर का ने कहा एक केस के बारे मे लियाने आया था। केस ? किस तरह का केस ? यह गरदेह 19
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