कसाय पाहुडं | Kasay Pahudam

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Kasay Pahudam by फूलचन्द्र शास्त्री - Foolachandra Shastri

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about फूलचन्द्र सिध्दान्त शास्त्री -Phoolchandra Sidhdant Shastri

Add Infomation AboutPhoolchandra Sidhdant Shastri

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
[| १ ५० खंड को द्वि० विश्वयुद्ध ने विलम्बित किया था | इसके बाद १९५१ में समाज की अनावश्यक चिन्ता का समाधान करने के लिए मा० संस्थापक प्रधानमंत्री जी के अवकाश पर चले जाने पर आयीं स्थितियों का आर्थिक समाधान, दानवीर सेठ भागचन्द्र जी ( डोंगरगढ़ ) तथा उनकी परमसेवा- भावी धर्मात्मा पत्नी नमंदावाई जी ने किया था। सेठ दम्पत्ति में; यदि सेठजी संघ जी सेवाओं और पं० जगमोहनलाल जो को आदर्श मानते थे तो सौ० सेठानी बाई पं० फूलचन्द्र जी के जीवन से प्रभावित होकर उन्हें अपना सहोदर ही मानतो थीं । फलत: इनके सहयोग से तृतीय खंड के १९५५ में प्रकाशित होने पर यह योजना चली थी । तथा अनेक श्रुत भक्तों एवं बालब्रह्यचारो बालचन्द्र हो रा- चन्द्रजी दोशी के स्वयं-दत्त सहयोग से पूर्णापर है। हम इन सबको सादर एवं साभार स्मरण करते हुए जयघवला प्रकाशन की पूर्णा पर मूल-प्रेरक स्व० पं० राजेन्द्रकुमार जी तथा श्रा० शि० स्व० शान्तिप्रसाद जी का ( सचित्र ) स्मरण करते हुए उन्हें भी नमन करते हैं । जो सुअणाण सरोरो जिणवयणाणुगामिनां अग्गो। जइधवल वित्ति फत्ता गुरु वीरसेणो।सेणजिनों चिरं जयदु ॥ 'सरलागार' वी নার मागं | खुशालचन्द्र गोरावाछा




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now