सुधानिधि जटिल रोग चिकित्संक | Sudhanidhi Jatil Rog Chikitsank

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Sudhanidhi Jatil Rog Chikitsank by आचार्य रघुवीरप्रसाद त्रिवेदी - Acharya Raghuvir Prasad Trivedi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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दर हम दव्वीच्या चुनो वंद्यों में हे की लहर नाम कमाने का अवसर एलोपैथिक जगत में भी आयुर्वेद की धूम सचाने वाले हक स़्प्दः ड चना शुशु ण् कि द लट्व! गे प्रस्तिद् आशुशुणकारी इज्जेक्शन्स विष्व प्रसिद्ध और अत्यन्त आधुनिक दवाओं के साथ-२ इन इन्जेक्शनों में भारतीय जड़ी-वूटियों के क्रियाकील सार भी मिलाये गये हैं, जिनके फलस्वरूप ये फौरन चमत्कारी असर करते हैं, गत २८ बर्षो से लाखों वैद्यों-डावटरों ने करोड़ों इज्जेक्शनों का सफलता पुवक प्रयोग करके इनको अजमाया है और रोजाना प्रयोग में लाते हैं । दे मातंण्ड फार्मेस्युटिकल्स, बढ़ौत, दिल्‍ली के निकट, लाखों रुपये की लागत से बनी, आधुनिक आठो- सेटिक मशीनों और यन्तों से सुसज्जित विशाल एयर कंडीसण्ड लैबोरेट्री है, जिसमें सरकारी मान्यता प्राप्त फार्मेस्युटिकर्स इन्जीनियरों और वी० फामं० कमिस्टों की देख-रेख में आधुनिक दवाओं जैसे हार्मोन्स, सत्फा ड्रास, एण्टीवायोटिक्स के कंपसुल, सीरप, टेवलेट और इज्जेबनों का निर्माण होता है । वेसिक फार्मेत्युटिकल कौमिकत्स जसे क्लोरमफेनीकाल, एनालजिंन, पैरासिटामोल फेनास्टिन, नियासिनामाइड भादि कैमिकल्स का निर्माण जर्मनी तकतनिक से भारी सात में होता है । » एक बार इन ७ प्रसिद्ध इज्जेक्शनों की आशुगुणकारिता अंवश्य देखिये ! दुलान्तक--(सवचान्तगंत) गुरुम शुल, उदर का तीन्र शुल, आमाशम छल, गृप्नसी शुल, तीव्र नाड़ी शूल, भामवात का शुल, विच्छू दंग शुल और बेहद पसीने आना, वृवक कूल, हृदय झुल, निमोनिया का तीव्र पादव शुल, स्तनों से लगातार दूध टपकना, दिक, में ज्यादा पसीना आना, मुख में ज्यादा पसीना भाना, मुख से ज्यादा लालाख्राव, स्वप्न दोष में प्रसिद्ध है । ६०८१ का बक्स ४ रु० '४० पैसे । सोसा--(त्वचान्तर्गत) तीव्र इवांस और दमे के दौरे को ४५ मिनट में तुरन्त दामन करता है। इवांस गति इन्जेक्शन लगते ही तत्काल सुधर जाती है, श्वांस प्रणालियों भर वायु कोषों का संकोच तत्काल दामन होकर इवांस ठीक आने लगता है । साधारण दम्मे और रोजाना रहने वाली दमक्ी में तुरस्त लाभकारी सोमा कपसुल, सोमा टेवलेट, सोमा सीरप दें । इनसे इवांस रोग में ततकाल लाम होता है। ६८ १ मि. लि. बवस ४.४० हिरिण्य--(मांस पेद्यान्तर्गत) श्वांस और दमे के तीन्न दौरे को ४५ मिनट में शास्त फरता है; श्वास की गति इससे तुरन्त ठीक हो जाती है; इससे वास प्रणालिका पेशियों का संकोच तुरम्त शिथिल होकर इवांस सरलता से थाने लगता है 1 एक इब्जेक्शन से शान्त होकर पुनः बार-बार उठने वाले इर्वांस दौरे में सोमा हिरण्य दोनों मिलाकर लगायें । ६६ १'वकस ४.४० । ह हुदयामूत--(मांस पेर्यात्तर्गत) श्वसन केन्द्र, सौपुम्निक तन्त्र और हृदय को तत्काल उत्ते करके, सन्निपात, टायफाइड बुखार, निमोनिया और शीतांग में । गम्भीर रोगों और कि दा बैठना, नाड़ी मन्द हो जाना, शरीर में शीतलता में दूवते दिल को शक्ति देकर प्राणों को फौरन घचा लेता है। दिल और नाड़ी का मन्द चलना, शवांस की सन्द गति में यह तत्काल दिल, फेफड़ों और नाड़ी को उत्तेजित करता है, दारीर में गर्मी लाता है। ६९ १ मिं. लि. का चक्स ६.०० रे प्रदरारि--(मांस पेश्यान्तगंत) इवेत प्रदर, रक्त प्रदर में चमत्कारी आाशुगुणकारी इन्‍्जेक्शन है| खाने को त्यूकोरिन टेवलेट दें, फिटकरी जल से योनि घुलवाये । यह प्रदर की अद्भ्रत चिकित्सा गए है द्भु एसा तुरन्त लाभकारी रासोन-(मांस पेर्यान्तगंत) संधियो की सुजन, संघियों का दें, संधि शूल, बुखार) में निश्चित लाभ करता है । ,साथ में कोलिकगन टेबलेट भी दें । गठिया और पक चिकित्सा है। ६६२ सि. लि. बक्स ४.५० 1 ः प्लीवास्तक--(मांस पेद्यान्तर्गत) नपुंसकता, नामदी वाशक प्रसिद्ध इब्जेक्शन वक्स ७.५० | शन है। ६८१ मि. लि. जि था उपहार--सातों इज्जेक्शनों को एक साथ मंगाने पर ज्वर-वेदना नाशक नर दर नोट--हमारे इण्टों नामों ते कई नवकाल फामें सियां वैद्यों को धोखा दे र््टी झून्‍्जेक्शन दाकपासंतल से मंगाइये । पता-सातंण्ड फामेंर परामोल टेबलेट 'हैं, लोग में मत आइये, थे भागुयुणकारी प्रुटिकल्स, घड़ौत (दिल्ली के तिकर)




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