अदिति | Aditi
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
12 MB
कुल पष्ठ :
113
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about आचार्य अभयदेव विद्यालकार - Achary Abhaydev Vidyalakar
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)५ ভি
স্মশিলি १६
का उत्तर था, में सत्य को दूसरों के दरवाज़े पहुँचाने में
विश्वास नहीं रखता---(1 60 ४0 92९18ए७ 11 #1702-
118 0০ 60 800100687০0) জিজন্কী ভু कुछ
लेना होगा वह मेरे पास आयेगा । यही कारण है कि हम
लोग इनके विषय में कुक भी नहीं जानते, अधूरा जानते
हैं या भ्रमपूर्ण बातें जानते हैं ।
ईश्वर-कृपा से पिछले पाँच-छः वर्षो से मुझे श्रीअर विन्द-
आश्रम मे जाकर वषं मे ও, & महीने तक रहने का अवसर
होता है ओर में आश्रम से संबद्ध हो चुका हूँ। इसी
निकट परिचय के आधार पर में श्रीअरविन्द-आश्रम के
विषय में पाठकों को कुछ जानकारी देने का यत्न करूँगा |
१ श्रीअरविन्द की सिद्धि
सरकार श्रीअर विन्द छो शायद् अव तक भी एक भयं-
कर विद्रोही समझती है| भारत की शिक्षित जरता उनको
एक महान देशभक्त के रूप में पूजती है । इसी कारण उनको
कई बार काँग्रेस के अध्यक्ष-पद् के लिए निमंत्रित किया जा
चुका है। पर वे अब इस स्थिति से ऊपर हो चुके हैं । अब
से लगभग तेंतीस वर्ष पूष अथात् उन्नीस सो दस में वे
अपने तीन पागलपन बताते हुए इधर आये ये । अपना
सबसस््त्र भारतमाता के चरणों में समर्पित करना, भारतमाता
को बन्धन-मुक्त करना ओर तीसरे, भगवान का साक्षात्कार,
ये थे उनके तीन पागलपन । पर शीघ्र ही पदली दो बातें,
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