दो पल की छांह | Do Pal Ki Chhanh
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
98
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about दीप्ति खण्डेलवाल - Deepti Khandelwal
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)बच्चा रआसा हो जाता है-- न अंकल, सैंते 'ढार्जा किसी কু
बात के लिए थोड़े दी दिया, आज ममी हंसी थों न, तो मैं आपसे वहना
चाहता या डि मर्मी को ऐसे ही हनति रहिए*“आपकी नहीं मालूम
अब, मम्मी गभी नहीं हसती বালী बहुत हैं, देर-देर तक रोटी हैं
“कभी-कभी जब मैं रात को सोता हूं तो देखता हूं छि मी को आखों में
आंसू हैं, सवेरे सोकर उठता हूं तो भी देखता हूं कि मी की आंखों में
आंगू है'** अंकल, में तो सो जाता हूँ, क्या मी रात भर,मोती नहीं ?
एक बार मुझ पेट में दरद हुआ था वो मैं भी रात मर नही सोया था
লিট एक रात ! मुझे बडी तकलीफ हुई थी, अंदल । एक रात ही नीदं
नहीं आई तो दिन भर मिर दुःखता रहा, इतना कि पेट वा दरद तो टीक
हो गया था फिर भी मैं सेल नहीं मा । ममी बहती रहीं--'जा खेल
আয খাত देर ।' लेविन मैं खेल नहीं मका | लेफिन मसी तो अवसर सारी
रात नही सोसी, प्र पता नहीं, कहा दरद होता है, उनको ? कोई दरद
जरूर होता होगा, तभी न रोती हैं ! लेकिन मैं पूछता हूं, तो 'तड़” से
पणड़ जड़ देती हैं। वहती हैं--/तुमे क्या, मैं रोक या हंसू ? अंकल,
ममो भप्पड् इतने छोर का मारती हैं कि मेरी उनसे बुछ भी कहने की
हिम्मत नहीं होती **“बँले, ममी प्यार भी बहुत करती हैँ*“पदोस की
मम्मियों से झ्यादा**'मेरी मम्री सबमुच बहुत अच्छी हैं, अंकल । आज
आपने उन्हें हुगाया तो मुझे बहुत अच्छा लगा।*“आप मुझे चाकलेट मत
मिलाइए, बस, ममी को हमा दिया कीजिए 1 बच्चे की क्षांसों में भाम
भर आते हैं->/हां, अल, सिर्फ मम को हसा दिया कीजिए ““बस 1”
_ एन्योती छ क्षण स्तब्घ बना रहता है, अपना रूमाल निकालकर
बच्चे के आभू प्रेंटता, फिर बच्चे को गोद में लेकर दोड़ पढ़ता है--
“चनो चेद, तुग्राय ममी तो बहत भागे निकल गदं जल्दी तै নদ
पक सें*“ओर तुम्हें चाकलेट भी मिलेगा, तुम्हारी ममी को हमी भी
““'यदि मैं यह हमी उन्हें दे सका तो ! काश ! चाकलेट की वरह हसी
भी यरीदी जा गढ़ती तो एस्योती अपना सब मुद्ध बेचकर भी तुम्हारी
দল দল বরো
शक दी हमी नहीं, लेडिन तुम यह हीरे-्मोत्री और
दो पतन की छाइ ( १५
User Reviews
No Reviews | Add Yours...