दान - धारा | Daan Dhara
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
129
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)--१०--
इसलिए देश को ताश्त का छाभ नहीं मिल रहा है। मान दीजिये,
आपकी १० सेर ताकत है और भेरी १५ सेर। जब ये दोनों मिलेंगी,
तभी देश को छाम होगा | यदि दोनों ठकरायेंगी, तो १० सेर के बजाय
५ सेर बचेंगी | यदि दोनों ज़ुढ जाये, तो देश को २५ सेर का लाभ
होगा। कुठ लोग हाथ पर हाथ घरे पडे रहते हैं. और बड़े बडे लेग
श्रम टालने वी कोशिश करते हैं । दोनों हाथों का उपयोग नहीं करते |
समकी बुद्धि इकट॒ठा होगी, तो दौलत बंदेगां, मानव धर्म बंदेगा | इसीलिए
धीरेनभाई यहाँ आये हैं । हमारी भी इच्छा वि पूर्णियाँ जिछे में
पृर्णे काम हो । जबान इसमें कृर्दे । पीछे साफे पहनकर गांव गाँव
और घर घर जाकर जो झेया फरनी पडे, क्षरें। जिछे में ऐसे दाई सौ.
कार्यकर्ता यदि खडे हो जाये, तो ग्राम खराज्य की घोषणा कर सकते
हैं | सरकार की मदद मिलेगी, लेक्मि मुख्य आधार हमारा अपना होना
चाहिए. । सरकार को आधार न बनायें | चर्षा জিউস হম কাস करते
ये। एक गाँव में ग्राम-स्वशाप्य की बात हो रही थीं। वहाँ हमारा काम
दग्र वधा ये जिलाधिकारी ने क्हा कि हम भी आपको मदद देना
चहते हैं। मैने उनते कह्दा . कुल वर्धा जिडे के हर गाँव वो नितनी
मदद आप दे सउ्ते हैं, उतनी ही दौजिये | बाकी रुप काम गाँववाले
ही डरे]
लोम-शक्ति जाप्मत हो
हम चाहते हैं कि लोक दाक्ति जाम्रत हे, लेगों म॑ प्यार और विश्वास
बड़े | उसके लिए हमने छोटी ता तररीय बतायी | हरएक पो थोडा सा
त्याग परने का मौका मिरेगा । जिएफ्रे पास पाँच बीधा जमीन हे, वह
पॉय कटटे का दान दे । बची ज्मीन में पूरी साद डालने से, पूरी
হন ধানে ते उनी ही एषठ अविगी। शमं किरीषा कोई
नुक्सान नहीं हागा। गत म॑ सकता प्रेम देगा । आग गाँव वी सावत
नहीं परग रही है । इत दिनों राजनीतिक दल मी गॉँस्गोँव में दे
बरत हैं | एव-दूसरे पे खिलाप हथ्ते हैं। मिस गाँव में पृट पढ़ गयी,
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