प्राचीन लेख संग्रह भाग 9 लो | Prachin Lekh Sangarah Bhag 9 Lo.

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Prachin Lekh Sangarah Bhag  9 Lo. by विजयधर्मेसुरि - Vijaydharmesuri

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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११ ठेखमां “ माघ सु० ७ रवौ › 2. जीभना दिवसे सोमवार, भने चोयनं दिवसे रविवार, ए केम बनी झके ? संभव छे के कदाच वांचवामां गडबड थई होय. भथवा ए तिथि छुखवामांन गडत्ड पहेलेथी होय- आ लेखसंग्रहना संत्रंधमां बीनी घणी क्णी बाबतोना उलछेखनो अवकाश छे, दाखला तरीके कया कया गच्छोमांथी कई कह्ट शाखाओं नकली अने ते शा कारणथ्री ? विगेरे, परन्तु भआ बधी बाबतो मविष्यना मागो उपर-अल्फे तपाम छेोनी तारवणीह्प सोथी छेल्ला बहार पाडवाना माण उपर राखी, हाल ভুল নী आ छेखसंग्रहमां आपेली हकोकतो उपरथी- अनुक्रमणिका उपरथीज इव्रिहाप प्रेमियो यथा- योग्य राम उठावे, एं उच्छी शापरनदव हवे प्छीना भागो बहु न्दी बहार पाडवानु पतामथ्यै अये एन इच्छी विरम शिवपुरी ( ग्वालीयर ) ज्येष्ठ सु. १, २४९५ विद्याविजय- धमे লও




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