सामान्य ज्ञान | Samanya Gyan
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10.33 MB
कुल पष्ठ :
544
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)धामिक सुधार के भान्दोत्तभ श्दे बद्दीं हुई थो समय के साथ संभवतः उसमे कमी ही झाई हो । मध्य-युग में झधिकाश पादरी कृपर वर्ग के थे और शित्ता की दृष्टि से याफी पिछड़े हुए थे । पुनर्जागृति-युग मे स्थिति युरी मेथी जो एफ बौद्धिझ चेतना चायें छोर धामिक मयिदा- फेलनी जा रही थी उसकी तुलना में इन लोगों का रियोगा भनेनतिक अज्ञान सचमुच पक छुतूहल की घस्तु था । सम्रहीं ... जीवन शताब्दी के साहित्य में हमे स्थान स्थान पर इन घारमिक पर व्यंगात्मक टिग्पशियाँ पढ़ने को मिलती हूं । पाइरियों की उपरी पंथिश्रता भी मानववादी झालोचकों की लुलना में एक ढकोसला दी थी धीरे धीरे पोप की का राजनीतिक श्याधार भी मिदने लगा था | छुद समय तक पोप को फ्रांस फे सम्नाद के व्याभय में रहना पड़ा श्वोर उसके वाद ही चयें का विभाजन हो गया जिसके परिणामस्वरूप दो व्यक्तियों ने एक साथ ही पोप होने का दाया रिया । थर्चे के इस विद के पीछे फ्रास और इटकी की राजनीतिक पतिदन्द्विता मुख्य कारख थी और चर्च के अनुयायियों ने जब देखा कि एक पोप मास के सन्नादू के थ्राधोन है ्ौर दूसरा इटली के राज्या- भिरारियों के तो क्राइर्ट के प्रतिनिधित्य का दावा करनेवाले इस धार्मिक कल में जनसाघारणु का विश्वास शिथिल पढ़ जाना स्वाभारिक था। चर्च की ालोचना पन्द्रदवी और सोलहवीं शताद्दियों में दी की जाने लगी थी श्र छुद सेखकों ने तो भी पदले से इस प्रदार की करना शारंभ कर दिया था । इस दृष्टि से इटली में सैचोनिसोला 1462-1498 चामिक सुधार कै श्र इंग्लैंड में पिविलिफ उ०ए प्रारभिव अमर 3830-1883 के नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय हू । सैवोनेरोला को जीवित दी जला दिया गया भर विक्लिफ के शरोर को उसकी सृत्यु के वाद कब्र मे से निकालकर पमामित स्या गया । बोदिमिया के इस ०98 सब 1360-1416 को भी अपनी ध्यालो- चनाश्ी के पुररकार मे जीवित जलाए जाने की सना मिली । सोलइरीं शताब्दी में इग्लेरड से एरेस्मसस 1465-1586 ने चर्च की म्रत्वर धालोचना की परंतु एरेस्सस का माने खुले विना निद्रोह का मारगे
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