किरण - वधू | Kiran - Vadhu

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Kiran - Vadhu by नीरज - Niraj

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about नीरज - Niraj

Add Infomation AboutNiraj

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
किप्ण-वधू ६ ओर विष एक बडे प्रख्यात नगर के रम्य दीर्घ स्टेशन के पास--- स्टेशन, गति का निखिल रूप वह, ममता प्रीति-रीति का बञ्चक, जहाँ तृषातुर को | ¦ भी तो विना मूल्य के प्राप्पय नहीं था-- बाहर से भीतर, भीतर से बाहर को पहुँचाने वाले रेल पार कर बने मार्ग की दूर, बहिर अतिम सीमा पर নতি रहते; बालक बुद्ध और वनिता নী भूखे अमिट दया के पात्र बहुत से भीख मॉगनेवाले।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now