बालरामायण | Balaramayan
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
11 MB
कुल पष्ठ :
324
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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लद्वमुष्यायगाम्य मरहःराष्चडामणेरकालजजलदस्य चतुधा
दैटिकि:ः शीलवतीप्तनरुपाध्यायश्रीराजशेखर इत्यपयाप्त बह-
मनेन | स्मति नाठयित्वा अहो क्रिमपि कमनोया कवेरा-
त्मन्याशीः ।
आद्यः कन्दो वेदविद्यालतानां
नें चत्तनिनिपरेषं कवीनाम् ।
या यनां तस्य नन प्रत्तरन्ती
बाहुतिम देवता धत्रिधत्ताम ॥ ९४ ॥
ट्ट च म्म् |
जिहू देवि सरस्थतों भगवतोमग्रे समयां कर
त्वां बद्राउज्जलि राजशेखरकविः सो {य स्वय याचते
स्तृत्येएस्मिचिजवशमोक्तिकमणी रामे विरामे द्विषां
कुणठा में प्रतिभिव देवतवशाद्वाचां प्रवृत्तियेद्ि ॥ १५ ॥
पारिपाश्विकः ! ता कि रण वण्णीअदि # ।
सत्रधारः । नन व्णितमेव देवत्तेन ।
बभृव वल्माकभव्रः कविः पुण
तलः प्रपेदे भुवि भवमरेदुतामर ।
त्थितः पुनयाभवभ्रतिरेबया
घ वत्तते प्रति राज्ञरेखरः ॥ १६ ॥
ग्रपिच । किं न भूतं सभ्यस्य शङ्करवरमेणो वेन् ।
पतु श्रजरसायन स्चयितु वाचः सतां संम्रता
व्यत्पत्ति परमामबाप्ठमवर्धि लब्धु रसस्तोतसः ।
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तत् किं न वरयत ।
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