बीसलदेव रासो | Bisaldev Raso
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4.15 MB
कुल पष्ठ :
315
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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चंद 1 प्रकार--पुरागा; पूर्ण साधारयतपा ठोद 1 अधर--
देवनागरी । सुरक्षित रघान--पत्तियाटिक सौंपा दटी पुस्त-
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हंववू 1५७५ या (पल घी मादव पुरा मध्ये दिप्पते 1 शुप्म
पथ 1. दोत्रवार साधवी सूनू फॉनी छिंपायों 11
सुरम्स थी गयुदायनता रउरिंपा लंदन सिमुवन
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अणद् । जि करिं रोदिणों जिउतपद सूर | भवणन देसुरे
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सन्त--कनक काया जिसी कु इँ रो 1 कठिन पयोदर
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रचनातिधि--सवत् सदसठिहुत्तरे जाय 4 नाक
कबीसर सरसीय यांग्दो ! रुण गुथ्या चोदाय का । सुरुव पद
पचमी घाव मास । रोदियी नक्षत्र सोदामणी । सुदिन
जिद जोदोयों रास ॥
[१३ ] यद मति योकानेर के छुपा वन्द् सूरि- शान
अमण्द्वार में ( दस्ता मं० ४२) हैं । इसकी पत्र संख्या
के दे, थर छरनसख्या र४० है। इसका सेखस समय
फाफुन बदि ९ शनियार स० 9७८६ है। थद मति सोकद
( मारवाढ़ा राज्य ) में लिस्दी गई थो । इसमें प्रन्थ का
रचना काल *सदव सत्तरतिदोत्तर' दिया गया दे, जो स्ंभदतः
पद तिद्दोत्तरे” के बदले भूल से लिख दिया गया है,
क्योकि १७७४ के पदले की क्ियी हुई तो नेक झतियाँ
माघ दो युदो हैं 17
[ १४] यद मति थोसानेर के सरतर झापार्ये
शाखा के मग्दार में १६ प्रो को हे 1 दुपहों पय सब्या
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