सुगम चिकित्सा | Sugam Chikitsa
श्रेणी : आयुर्वेद / Ayurveda, स्वास्थ्य / Health
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5.51 MB
कुल पष्ठ :
222
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about आचार्य चतुरसेन शास्त्री - Acharya Chatursen Shastri
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)नकल
११ ,. -तन्दुदस्ती
भाड-फूंक कराते हैं और सुफ़्त में अपनी जान देते हैं । उन्हें जानना
चाहिए कि वीमारी पैदा होने के कई अलग-अलग कारण होते हैं ।
बहुत-सी बीमारी तो खास किरम के कीड़ों से होती हैं । ये कीड़े
इतने बारीक होते हैं कि आँखों से नहीं दीखते । ये या तो खाने
पीने की चीजों के साथ या . साँस के साथ पेट में पहुँच जाते हैं
और रोग पैदा कर देते हैं। छुछ वीमारियाँ खान-पान की गड़बड़ी
और रहदन-सहदन की खुराबी से होती हैं । इसलिए जुरूरी है कि
तन्दुरुस्ती कायम रखने के लिए नीचे लिखी बातों का पूरा-
पूरा खयाल रखा जाय--
१--दल्का ताजा सादा भोजन ठीक समय पर करो और
साफ़ पानी पियो 1
२--खुली हवा और धूप में रहो ।
३--ठीक समय पर पाखाना पेशाब जाओ ! और आँख-
नाक को साफ़ रखो--अच्छी तरह स्नान करो |
४--सर्दी और गर्सी के झचानक हमले से शरीर को बचाओ |
४--धघूल-गदे, भीड़भाड़ और गंदगी से दूर रहो ।
६--खूब मिहनत करो और ,खूब आराम करो । आराम और
काम का समय पक्का करलो ।
७--किसी क्रिस्म का नशा न करो, भंग, शराब, गांजा, सुलफ्ा
अफीम, चाय, चाट-पानी और मिर्च-मसालों से दूर रहदो।
' ८-चीमार पड़ने पर पूरा आाराम करो और समभकदार
डाक्टर या वेद्य से इलाज कराओ ।
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