सुगम चिकित्सा | Sugam Chikitsa

Sugam Chikitsa by आचार्य श्री चतुरसेन वैद्य शास्त्री - Aachary Shree Chatursen Vaidy Shastri

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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नकल ११ ,. -तन्दुदस्ती भाड-फूंक कराते हैं और सुफ़्त में अपनी जान देते हैं । उन्हें जानना चाहिए कि वीमारी पैदा होने के कई अलग-अलग कारण होते हैं । बहुत-सी बीमारी तो खास किरम के कीड़ों से होती हैं । ये कीड़े इतने बारीक होते हैं कि आँखों से नहीं दीखते । ये या तो खाने पीने की चीजों के साथ या . साँस के साथ पेट में पहुँच जाते हैं और रोग पैदा कर देते हैं। छुछ वीमारियाँ खान-पान की गड़बड़ी और रहदन-सहदन की खुराबी से होती हैं । इसलिए जुरूरी है कि तन्दुरुस्ती कायम रखने के लिए नीचे लिखी बातों का पूरा- पूरा खयाल रखा जाय-- १--दल्का ताजा सादा भोजन ठीक समय पर करो और साफ़ पानी पियो 1 २--खुली हवा और धूप में रहो । ३--ठीक समय पर पाखाना पेशाब जाओ ! और आँख- नाक को साफ़ रखो--अच्छी तरह स्नान करो | ४--सर्दी और गर्सी के झचानक हमले से शरीर को बचाओ | ४--धघूल-गदे, भीड़भाड़ और गंदगी से दूर रहो । ६--खूब मिहनत करो और ,खूब आराम करो । आराम और काम का समय पक्का करलो । ७--किसी क्रिस्म का नशा न करो, भंग, शराब, गांजा, सुलफ्ा अफीम, चाय, चाट-पानी और मिर्च-मसालों से दूर रहदो। ' ८-चीमार पड़ने पर पूरा आाराम करो और समभकदार डाक्टर या वेद्य से इलाज कराओ ।




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