श्री जैन धर्म विषयिक प्रश्नोत्तर | Shree Jain Dharm Vishyik Prashanotar

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Shree Jain Dharm Vishyik Prashanotar by विजयानंद सूरि-Vijayanand Suri

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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करनेवी गिज्ञाप् १५६--१५७ जैममत मुजब योजनऊा प्रमाण, गुरुके भेद तिनोकी उपमा अरू स्वरूप उर्मोपेश किस पासे सुनना अरु क्रिस पार्स ने सुनना जअगतेक उमका रुप अरु भ जनवर्षी राजोंकी राज्य चलानेप॑ विरोय नहीं आतांह, तिस विषयक व्यान, कुमारपाल राजाका वारात्रत अरु বিজন वो किस रीतिसे पाले थे दिस्तानके पथो १५८ १५९ १६० १६१ १६२ १६३




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