गार्हस्थ्य - शास्त्र | Gaarhasthya - Shastr

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Gaarhasthya - Shastr  by लक्ष्मीधर वाजपेयी - Laxmidhar Vaajpeyi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१० गाहस््य-शाख् कन्या की अवस्था ७--चौक पूरना। छोटे छोटे श्लोक, भजन, और धार्मिक छ्ृत्यों के मन्‍्त्रों का ज्ञान | ८--आरती तथा अन्य धार्मिक भजन गाना। पूजा-अचौ की सामग्री का ज्ञान । ९-१०-चित्रकला और रंगीन काम | संगीत । स्तोत्र तथा कहानियां कहना । ११ वाद्य -के साथ गायन । मजन गाना । हरतालिका, महालद्मी- पूजन, ऋछषि-पंचमी, संकष्ट-चतु्थीं, दीवाली, इदयादि खयो के ब्रत-उपबास के दिनों की विधि का ज्ञान । १२--पंचाज्ञ का ज्ञान । भाद्धू-दशहरा, इत्यादि त्योहारों की विधि के लिए पूजन-सामभ्री की व्यवस्था । संगीतशासत्र । १३-पद गाना । रामायण, महाभारत, तथा पुराणों की कहानियां कहना । चौक पूर कर उसमें तरह तरह के रंग भरना । १४- उपनयन, विवाह, इत्यादि के अवसरों पर श्ियों के करने योग्य कार्यो का ज्ञान । आाह्यण-भेजन इत्यादि के अवसरों पर चौक पूर कर पाटे इयादि लगाना । १५--घर सजाना । पूजा-गरह का सुशोभित करना । संगीत तथा चित्रकला का विशेष ज्ञान । १६--संगीत के साथ, अथवा उसके बिना, कथा-कीतेल करना | पूजा-अचो आदि का कमंकारएड कराना | विशेष विशेष अवब- सरों पर घर के सजाना इत्यादि ।




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