भारतीय युद्ध | Bhartiya Yuddh

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Bhartiya Yuddh by लक्ष्मीधर वाजपेयी - Laxmidhar Vaajpeyi

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about डॉ राजलक्ष्मी वर्मा - Dr. Rajlakshmi Varma

Add Infomation AboutDr. Rajlakshmi Varma

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
ग (छ)] हुआ सन्देशा १७४, १७५; धर्मराज पांच यार्वे सॉंगते हैं १७६: कौरवों की गुस सलाह १७६-१७९; पांडवीं की शुप्त सलाह १७९- १८१५ द्रौपदी का संताप १८१-१८३; श्रीकृष्ण का हस्तिनापुर आरा- मन १८३, १८४; कुंती का अपने पुर्घी को. सन्देदा १८४, १८६ ध्राकृष्ण का. कॉरव-सभा में सापण १८७--१८९; दुर्योधन का दुराग्रष्ट १९०, १९१५ श्रीकृष्ण को कंद करने का प्रयत्न १९२; भीप्म-द्रोण के ब्रताव की सोमसांसा १९४; श्रीकृष्ण और कर्ण की बातचीत १९५, १९६; कर्ण ने फुंती को बचने दिया १९७; सेनाएं कुरुक्षेत्र में जसा होदी हैं १९८, १९९ | सातयाँ प्रकरण । युद्ध का पएूवेधाग ... ....... ... पू० २००-२९६ व्यास का भविप्य-कथन २००; अजुन का मोद्द २०१) कृष्ण का उपददा २०२, २०३; मभीष्म-द्रॉोण आदि का युर्घिषट्रिर को आाधीवाद २०३, २०४; युद्ध का पारम्भ २०५; आाठ,दिन का युद्ध १०६- २०९; नवव दिन का युद्ध २०९, स१०; भीप्स-चध का उपाय २११, २१९; दसवें दिन का युद्ध २१२, २१३) मीप्म थारपंजर में पदते हूं २१३-२१६ | ाठवाँ प्रकरण | घनघोर युद्ध ... लि दस पू० २१९६-२४ द्लोण सेनापति २१६, २१७; व्यूदरचना और युद्ध २१७, २१८ भगदत्त-चघ २१९, २९०५ अभिमन्यु व्यद्द भेद करता है २२१, थामें मन्यु का चोये २२२; अभिमन्यु-वघ २९३; अर्जुन की प्रतिज्ञा २९४ रर५; जयद्रथ-वघ २२६, २२८; घटोस्कच-वघ २२९, २३० युघाष्टिर का पातक २३१, ९३२; द्रोण-बघध २३२-२३४ |




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now