ईसा की सिखावन | Iisaa Kii Sikhawan

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Iisaa Kii Sikhawan by लियो टालस्टाय - Leo Tolstoyसंतराम विचित्र - Santram Vichitra

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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घमदिद १५ गुनहगार है ओर उस हालत में तो वह और भी ज्यादा गुनहगार है, जबकि वह अपने भाई को गालियाँ देकर कड्वी बातें कहता है । इसलिए अगर आप प्रार्थना करना शुरू करते हैं और आपको याद आता है कि आप अपने भाई के साथ गुस्सा हैं तो पहले जाकर उसके साथ सुलह कीजिए † या अगर अप किसी कारण बेसा नहीं कर सकते तो आपके दिल में उसके प्रति जो गुस्सा है, उसे दूर कर दीजिए । शयह है पहला आदेश । “दूसरा आदेश यह है : पुराने “र्म-प्रंथ' में कहा गया था, “व्यभिचार मत करो, और अगर आप अपनी पत्नी से अछग होते हैं तो उसे तलाक दीजिए ।” “लेकिन मेँ आपसे कहता हूं कि न केवल मनुष्य को व्यभिचार नहीं करना चाहिए, बल्कि अगर वहु किसी स्त्री को अपने मन में बुरे विचार रखकर देखता है तो परमात्मा के समक्ष तो वह गुनहगार है ही । और तलाक के विषय में में आपको बत- लाता हूँ कि जो आदमी अपनी पत्नी को तलाक देता है, वह खुद व्यभिचार करता है, और अपनी पत्नी से भी वेसा कराने का कारण बनता है, साथ ही उसे भी गुनहगार बनाता है, जो तलाक दी हुई स्त्री के साथ ब्याह करता है । “यह है दूसरा आदेश । “तीसरा आदेश यह है : पुराने 'धर्मे-प्रंथ में आपको बताया गया था, “कसम न खाओ, किन्तु परमात्मा के समक्ष अपनी ` प्रतिज्ञाओं पर स्थिर रहो ।” “लेकिन मे कहता हूँ कि आपको हरगिज कसम नहीं खानी चाहिए, लेकिन अगर आपसे किसी बारे में पूछा जाय तो




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