सच्ची सिक्षा | Sachhi Shiksha

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१ शिक्षाका अर्थ क्‍या हें? शिक्षाका अपे बया है? अगर अुसका अर्थ केवल अक्षरज्ञान ही हो, सो वह ओेक हथियार-रूप बन जाती है। आुसका सदुषयोग भी हो सकता है ओर दुर्पयोग भी हो सकता है। जिस हथियारसे आपरेशन करके रोगीको अच्छा किया जाता है, अुसी हथियारसे दूसरोवी जात भी छी जा सकती है। अद्नरज्ञानके बारेमें भी यही बाल है। बहुतसे छोग असका दुरुपयोग करते हैँ। यह बात ठीक हो तो यह साबित होता है कि अध्षरज्ञाससे दुतियाकों लामके बजाय हानि होती दै! लिक्षा साधारण अवं অহাবান ही होता दै। लोगोको लिना, पघवृता और চিলাষ करना सिखाना मूछ था प्रा्श्मक शिक्षा बहलाती है) केक विसानि भीमानदारीमे घेवी श्रे रोटी भमाना है। भुमे दुनिपाकी साधाए्ण जानबारी है: माता-पिताके साथ कैसा बरताव करना चाहिये, अपनी पनीके साथ বলা दरताव शरता चाहिये, शड़बे-दच्चोंके साथ विस तरह रहना चाहिये, जिम यादे बदरा है वहां भैया बरताव रखना भाहिये -- पे सब बातें वहू अच्छी शरह जातता है। बह नीति यानी शदा- चारके नियम समभपझता है और पालता है। अुसे अपती सही बरना नहीं माता। भेंसे आदमीशों आप अक्षरज्ञान तिसलिशे देना घाहते हैं? अशरजात देवर भूमषे मुले भौर श्या बढ़ती श्रये? श्या अुसकी झोपडी या अुसतरी हाएतके प्रति भुसमें आपको अमस्तोपष पैदा करना है? মশা হলো লী भी आपरो भुत्ते पड़ाने-ललिखानेगी जरूरत मंदी! परिचिमरें तेजसे दवकर हम হই सोचने छगते हैं हि क्ोगोरों शिक्षा देती आहिंये, पर ভিশর্ লে आये- पीछेवा विधार नहीं शणते। अब शुज्र शिक्षाषरों लें! मैतरे मुगोलविषा सोसो॥। दीजगणित भी দূ का गंशा। भूमिविषत शञात्र मैदे हाखिल शिणा। भूवभंशञास्त्रतों भो शट डाणा। पए अससे हुआ शया? मेरा बयां भला हुआ छोर मेरे आामप्रामदालोबा मैंने षठा पला विथ ? जिससे सुप्ते गया झाभ তমা? भरगरी भरू তিহাপ शस्मणेने दशिक्षाके ह्रारेमें दह बहा है




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