वर्ण ,जाति और धर्म | warn Jaati Aur Dharam

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warn Jaati Aur Dharam  by फूलचंद्र सिध्दान्तशास्त्री - Fulchandra Sidhdant Shastri

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१४ मधुराजाका उसके साथ सदर संय्मप्रहण २९२; श्ृद्व गोपाल- द्वारा मनोहारी जिनपूजा २९२; श्रावक धमंको स्वीकार करनेवाला बकरा २९३; श्रावक धर्मों स्वीकार करनेवाला चण्डकर्मा चाण्डाल २९४; श्रहिसावती यमपाश चाण्डालके साथ राजकन्याका विवाह तथा आधे राज्यकी प्राप्ति २९४; ऊपनो माताके पितासे उत्पन्न स्वामी कातिकयक्रा मुनिधर्म स्वीकार २९०; चण्ड चण्डालका अहिंसान्नत स्वीकार २९६; नाच-गानसे आजीविका करनेवाले गरीब किसान बालकोंका मुनिधर्म स्वीकार २९६; मूल व अनुवाद नोआगममाव मनुष्योंमें धर्माधर्म मीमांसा क्षेत्रकी दृष्टिस दो प्रकारके मनुष्योमें धर्माधम मोमांसा गोन्रमीमांसा कुछमीमांसा जातिमी मांसा वणमीमांसा ब्राहमणवण मीमांसा विवाहमीमांसा चारित्रग्रहणमीमांसा आहारग्रह णमीमांसा समवसतिप्रवेशमीमांसा गृहस्थोके आवदयक कर्मौकी मीमांसा जिनदृक्ान-पूजाधिकारमीमांसा




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