जैन आचार | Jain Achar

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Jain Achar by मोहनलाल मेहता - Mohanlal Mehata

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१ 0१7 ^ ^~ ^^ ^^ ^^ ^ ^ ^ ^ ^^ ^~ ^^ जैनाचार की भूमिका आचार और विचार चैदिक दृष्टि औपनिषदिक रूप सूत्र, स्मृतियाँ व धर्मशाखर कर्ममुक्ति आत्मविकास कर्मपथ जैनाचार व जैन विचार कर्मबन्ध व कर्ममुक्ति आत्मवाद अहिसा और अपरिग्रह अनेकान्तरृप्ति । +




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