आदर्श साहित्य | Adarsh Sahitya
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
14 MB
कुल पष्ठ :
368
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)३०: कर्मो के वन्ध-कारणों का रहस्य
पाचवां पुञ्ज
... १: आठ कर्मो के क्रम का रहस्य
' ३. आठों कर्मों की प्रकृतियां
, . ३. आलं कर्मों में पुण्य कितने और पाप कितने ?
' ४. पुण्य का अर्थ एवं भेद ক কপির
५. देव-गुरु-धर्म के सिवा अन्य व्यक्तियों को नमस्कार का रहस्य
पुण्योत्पत्ति का मुल का रण शके +,
., ७. पुण्य ইন हैं या उपादेय ? . ५ : -
'. ८. धर्म और पुण्य एक हैं या दो ?
६. पुण्पानुंवन्धिपुण्य और पापानुवन्धिपरुण्य'
. १०: द्रव्यपुण्य-भावपुण्य
~ ११. पुण्य की प्रकृत्यां `
, १२. पांप का अर्थ, प्रकार एवं फल ..
१३. पापस्थान और पाप में अन्तर
. १४. जीव भारी एवं हल्का कैसे वनता है ?
१५. पापकर्म की प्रकृतियां
१६. कर्मो की अवान्तर प्रकृतियों के भेद ।
: ` १७. जीवविपाकिनी-मवविपाकिनी प्रकृतियां
| ष ` .. छठा पुञ्ज
` “ १. गुणस्थानों मे कमो का वन्ध, उदय एवं सत्ता
. ` -२-उदय्.एवं उदयनिष्पन्न का स्वरूप |
. -. ३. उपदाम जौर उपशमनिष्पन्न भाव - `
<. क्षायिक एवं क्नायिकनिम्पन्न का रहस्य
५८ क्षयोपंशम और क्षयोपश मनिष्पन्न भाव
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