मनसबदारोंकी | Manasbadaroki

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : मनसबदारोंकी - Manasbadaroki

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about रामदासजी - Ramdasji

Add Infomation AboutRamdasji

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
३१० ३११ >९२ 3३१३ ३१४ >१५ 9१८ ( १८ ) फतइवाडी , नन्‍हू (गुजरातका पिछला बादशाह) चम्पा काटनका হও । चीरको दण्ड, 9००० रुपयेको खेरात, शाहजहा ব্রেল) के डरे पर जाना, खर्दाकी जीत । कुतुवुष्युल्ककी अर्जों , हलवटका चन्द्रसेच, मुजफ्फरफा आना, फतइयचागके अजोर, कारेजके खरबूजे । गुजरातके अजोग, मालवैको लौटता, सुकरवखावी सेट, रुस्तमखाको भरूण्डा ओर नक्रा । शाइजादोंके सेवकोको कणडा और नक्कारा न टेनेकी प्रथा, सैयद सुवारकका सकवरा, मखनीमे मलौ 1 गुजरातकौ वपा, मानसिष्ट सेवडाका सरना, सेवडोका नि काला जाना ! कच्छे घोडा, सेवको पर छपा 1 अनार ओर बिद्दी, शेखोकी उपहार | कोकवको विचित्र घटना । कशमीरकौ मरौ । जस्माजास श्रोर कृचविद्धारकते राजानच्मीनारायगका आना। लजवन्तो, मिच्चका शिकार, वलखके घोड़े । कृचके गाजा नक्ष्मीनारायणको गुजचातका मुल्क दिया ज्ञाना, लगूबक़ा बच्चा ओर बकरो | इति प्रथ्रम भाग | बाद- शाइकी आज्ना |




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now