मनसबदारोंकी | Manasbadaroki

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Manasbadaroki by रामदासजी - Ramdasji

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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३१० ३११ >९२ 3३१३ ३१४ >१५ 9१८ ( १८ ) फतइवाडी , नन्‍हू (गुजरातका पिछला बादशाह) चम्पा काटनका হও । चीरको दण्ड, 9००० रुपयेको खेरात, शाहजहा ব্রেল) के डरे पर जाना, खर्दाकी जीत । कुतुवुष्युल्ककी अर्जों , हलवटका चन्द्रसेच, मुजफ्फरफा आना, फतइयचागके अजोर, कारेजके खरबूजे । गुजरातके अजोग, मालवैको लौटता, सुकरवखावी सेट, रुस्तमखाको भरूण्डा ओर नक्रा । शाइजादोंके सेवकोको कणडा और नक्कारा न टेनेकी प्रथा, सैयद सुवारकका सकवरा, मखनीमे मलौ 1 गुजरातकौ वपा, मानसिष्ट सेवडाका सरना, सेवडोका नि काला जाना ! कच्छे घोडा, सेवको पर छपा 1 अनार ओर बिद्दी, शेखोकी उपहार | कोकवको विचित्र घटना । कशमीरकौ मरौ । जस्माजास श्रोर कृचविद्धारकते राजानच्मीनारायगका आना। लजवन्तो, मिच्चका शिकार, वलखके घोड़े । कृचके गाजा नक्ष्मीनारायणको गुजचातका मुल्क दिया ज्ञाना, लगूबक़ा बच्चा ओर बकरो | इति प्रथ्रम भाग | बाद- शाइकी आज्ना |




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