यूरोप का आधुनिक इतिहास भाग - २ | Europ Ka Aadhunik Itihas Part - 2
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
20.22 MB
कुल पष्ठ :
644
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पारस्मिक शब्द संसार के आधुनिक इतिहास में यूरोप का महत्त्व बहुत श्रधिक है सभ्यता संस्कृति शाम विज्ञान कला-कौशल व्यापार व्यवसाय झादि सभी दोत्रों में यूरोप इस समय संसार का शिरोमणि है | संसार की शान्ति यूरोप की राजनीति पर श्राश्रित है। यूरोप से जो नई लहर शुरू होती है यूरोप में जो घटना घटती है उसका प्रभाव सारे संसार पर पढ़ता है | यूरोप का यह महत्त्व सदा से नहीं चला झा रहा। न ही यूरोप सदैव इतना उज्त रहा है | श्राज से लगभग डेढ़ सदी पूर्व यूरोप की माय चही दशा थी जो भारत चीन ईरान आदि झन्य देशों की थी | सर्वत्र एकतन्त्र स्वेच्छाचारी राजा राज्य करते थे | लोकतन्त्र शासन का कहीं नाम भी न था | कल-कारखानों का विकास नहीं हुमा था | कारीगर श्रपने घर पर त्रैठकर मोटे भद्दे औजारों से कार्य करते थे | रेल मोटर हवाई जहाज तार रेडियो श्रादि का नाम भी कोई नहीं जानता था| यूरोप में जो यह श्रसाधारण उन्नति हुई है वह पिछली डेढ़ सदी की कृति है। यूरोप का यह डेढ़ सदी का इतिहास सचमुच यड़ा श्रदूभुत व आश्चर्यजनक है | इस थोड़े से काल में यूरोप उन्नति की दौड़ में किस अकार इतना झागे बढ़ गया इसकी कहानी चढ़ी मनोरज्ञक श्र शिक्षाप्रद है । इसी श्राश्चर्य जनक उन्नति की कहानी को सरल व स्पष्ट रूप से लिखने का प्रयत्न सैंने इस इतिहास में किया है। ः भारत में यूरोप के इतिहास को पढ़ने का रिवाज बहुत कम है । ब्रिटेन के शासन-काल में यहाँ स्कूलों श्रौर कालिजों में डैंगलैंड का
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