महापुरुषों के विचार | Mahapurushon Ke Vichar
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
144
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)महापुरुषो के विचार ९
, और न तुम्हारे बाल-वच्चे । अल्लाह के नजदीक वही
1 सकता है जो बात मान ले और नेक काम करे ।
--वुःरान
4 >< >< ><
दुनिया क्या कहेंगी, ऐसे दुबेल विचार ले कर हम
ससार मे उस वस्तु को नही पा सकते जिस के पीछे दिन
रान दौडे फिरते ईं । सत्यको पानि के लिए दुनिया জী
चिन्ता विना किए ही आगे वढना होगा 1
--विवेकानन्द
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सम्यक् बोध को जिस ने प्राप्त कर लिया वह बुद्धिमान्
मनुष्य हिसा से उत्पन्न होने वाले वैर-वर्धक एवं महा भयकर
दु खो को जाल कर अपने को पाप কী से बचाये ।
- महावीर वाणी
ग >< >< ১৫
ब्रह्मचये-पालन है तो मुश्किल मगर मुश्किलो को जीतने
के लिये हो तो हम पैदा हुए हैं । आरोग्य प्राप्त करता हो तो
इस मुश्किल को जीतना ही होगा |
--ग्वी
১৫ >< ১৫ >
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