हिन्दी में अर्थशास्त्र और राजनीति साहित्य | Hindi Mein Arthshastra Aur Rajniti Sahitya

Hindi Mein Arthshastra Aur Rajniti Sahitya  by दयाशंकर दुबे - Dayashankar Dubey

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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हिन्दी में अ्रथेशाखः और राजनीति साहित्य पहला भाग «+*+. ९५४०७, ३८)- अथशास्त्र साहित्य भारतवर्ष के उन प्राचीन शास्त्र और स्मृति बनानेवालों को बारबार नमस्कार है, जिन्होंने धर्म ओर अर्थ ( तथा काम और মাহ) का सुन्दर समन्बय किया है, मेल बैठाया है | कुछ लोगों का मत है कि धार्मिक जीवन व्यतीत करने के लिए धन सम्बन्धी बातों से दूर रहना चाहिए, और रुपया पैदा करते समय धर्म के विचार को छोड़ देना ज़रूरी है; संसार म॑ सफल होने के लिए जैसे भी बने, धन कमाने में जुटे रहना चाहिए। लेकिन भारतीय आदर्श यह हैं कि जीवन- यात्रा के लिए धन कमाओ्रों, ओर खूब कमाओ; हाँ धन कमाते समय धर्म का विचार बनाये रखो। जिन कामों से दूसरों के हित में, समाज. की भल्लाई में बाधा हों, उनसे धन पैदा न किया जाय | निदान बहत प्राचीन काल से भारतवप्रं में धन पैदा करने की आर काफी ध्यान दिया जाता रहा है। भारत भूमि अब से केवल एक-डेढ सदी पहले तक संसारे भर में स्वण-भरडार, रत्नगर्भा ओर सोने की चिड़िया समभी जाती रही है, तो अवश्य ही यहाँ




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