भगवान् पश्र्वनाथ की परंपरा का इतिहस | Parshwanath Ki Parmpara Ka Itihash Poorvardh Vol-1
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
60 MB
कुल पष्ठ :
1036
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पग तूः पशमन यः की प्रस्णरा के फस णए के एच्छु-जर््ए*न
निम्नेन्थगच्छ
विद्याधरगच्छ (आचाय स्वयंप्रभसूरि से)
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उपकेशगच्छ कोरंटगच्छ
(সা कव से ) ( आचाये न से)
मूलगच्छ ® कुकृदी शाखा मूलगच्छ माथुरी शाखा
_- _ | _ (कुकुंदाचाय से )
मूलगच्छं द्विवन्दनीक शाखा_
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मूल शाखा ( बद्ध ) लघु कुकुंदी शाखा
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-- -------- ( कुकंंदाचार्य-कफसूरि )
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मृल भीन्नमाल शाखा चन्द्रावती शाखा
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নক मेड़ता की शाखा मूल शाखा खटकू'प शाखा
| ( सिद्धसूरि से )
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मृल खटकू प शाखा लघु खटकू प शाखा
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पीकानेर शाखा खजवाना शाखा
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: अपर वतलाई उपकेशगच्छ की सब शाखाओं में--आचार्यों की नामावली क्रमशः ककसरि देवगुप्रस।
ओर सिद्धसूरि नाम से ही चल्ली आई हैं अतः निणय करने में वड़ी सावधानी रखनी चादिये ।
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