पूरावृत्त | Puravrit
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
165
श्रेणी :
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No Information available about महावीर प्रसाद द्विवेदी - Mahaveer Prasad Dwivedi
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१२. আযান
रास्नामा मिलने फे दे। सी वर्ष वाद तक उन्होंने इसे ३७ दफ़े
फिर से नया किया है!
दूसरे पराक्रम का नाम है द्वीवियस कार्पप। इस कूयदे
को मरेन लेग मैप्नाकार्टा से कुछ द्वी कम मद्दत्त फा समझते
हैं। १६७७ ईसवो में, दूसरे चाल्से राजा के समय, अविश्ारत
परिश्रम श्रौर धार वाद-विवाद करके, श्रैंगरेज्ञ लोगो ने इसे
पारलियामेंट से मब्जूर करा पाया । पहले यद्द रीति घो कि
यदि कोई आदमी राजा का अपमान या अपराध करता था
ते उसके श्रपराध का न््यायानुसार विचार न फरके जथ तक
राजा चाहता था उसे कुंद रखता घा। इस रीति के प्रचलित
रहने से अ्रनेज निरपरायों आदमियों को वहुत मुसीबतें শীল
पड़ती थीं। प्रज्ञा ने इसे बन्द करने ही में अपना कल्पाय
समका । सतत प्रयत्न करके प्रस़ोर मे उपे कामयावरी हई 1
पारलियामेंट ने यह कानून बना दिया कि अपराध करने के
सन्देह्द में यदि पुलिस किसी आदमी का पकड़े तो इतने घण्टे
के भीतर पुलिस को उसे विचार फे लिए न्यायाधोश के सामने
हाक्षिर करना हो चाहिए। और जे आदमी एक दफफ़े कियो
सुकदम मे निरपराधो सादित हा जाय उत्त पर फिर उसी
आरोप के सम्बन्ध में कोई अभियेग न चलाया जाय 1
तोसरा पए्क्रम अँगरेज़ो प्रजा का वित्ञ आफ राइट्स है।
तोसरे विलियम राना के समय में, १६८९ ईघवी मे, वत्कालीन
अनेक कगड़े-फिसाद और गड्वड़ों के मिदाने के लिए प्रज्ञा ने
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