व्यावर्तन | Vyavartan
श्रेणी : उपन्यास / Upnyas-Novel
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
71 MB
कुल पष्ठ :
483
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)४ | ग्प्रव्तन
अब बोलियाँ लाखों में बढ़ने लगी | छः लाख पर बोली पूनः षण भर
“हम के लिए ठहरी | प्रतिद्वन्दी ने अबने मित्रों से परामर्श किया और फिर. उसने
उत्तर दिया | सात लाख सबके मना करने पर भी बोल दिए ।
२]
सह वायु सेवा का अफसर আগ লাল লী নানী ধলা उगा ।
के साथ अपर थम यूवक ने कुर्सी से सीचे उतरते हुए बोली लगाई-..'आठ लाख ।'
अपने भाइयों प्रतिदवन्दी के मित्र उसको घसीटते हुए पंडाल के बाहर ले जाने लगे।
युचः बह छूटने के लिये अपने हाथ-पैर पटक रहा था, परूखु वे उसको छोडने ने थे |
मिः मिस इल्डिया' की दृष्टि उसका अनुसरण कर रही थी।
दृष्टि उस 3 जातै-जाते उसने नौ छाख की बोली छगा ही दी ।
. लोगों से एक वायु सेना का अधिकारी नौ काल की बोली दोहराने लगा |
. समू. प्रथम नव युवक ने तुरन्त ग्यारह लाख की बोली लगाई ।
आवाज़ सेप इस समय तक प्रतिद्वन्दी के साथी उसको बाहर घसीट छे जाने में सफल
'मिहो गये थे ।
पर चीनी अ पंशल में सन्नाटा छा गया । नीलाम
बोलने वाले ने थोड़ी देर भोली
अधिक परिदोहुरा कर ग्यारह लाख पर समाप्त कर ' मिस इन्डिया' के फिरसीट को उसकी
उनको बिखेओर बढ़ाते हुए कहा--' बधाई है, यह मुकुट भारत की विजय का चिरद है,
गौरवान्वित जो चीन के तावृत पर एक कौल की तरह साबित होगा | बधाई |!”
में अपनी ओ यूवक ने आगे बढ़ते हुए कहा--'मैं यह उनके हाथ से प्रहण के রি
अमित करजेनको मिला है।” कहते-कहते वह मंच के समीप आ. गयाः और अपलक दृष्टि
पने इस पे मिस इण्डिया को मिरखने लगा ।
की निश्चय “मिस इब्डिया' किरीट ले कर काँपते पगों से आगे बढ़ी
र उपस्थित युवक के कन्धे पर हाथ रखते हुए कहा--.. पहले आप र
বাঘ উল. * 'इस समय मैं आपको चेक दें सफता 1
| जनं “आपको कोई पहचानता है ?” भेयर ने संदिग्ध दृष्टि से दूदा |
` पए ॥' “दिल्ली ही क्यों, तमाम भारत में 'रमणजाज पूप मित्स के एकमात्र
वागमी सर ब्रनमोहन दस को जानने-पहचानने बाड़े बहुत निकल आएंगे । मैं
¡डा था, ऊ ब्रजमोहनदास का बड़ा पुत्र है ।” द
सी समय मेयर
कम चुकता कीजिए |”
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