सफलता और उसकी साधना के उपाय | Safalta Aur Uski Sadhna Ke Upay
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
159
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)उपोद्धघात ।
श्यकी पूर्तिके लिये हम जो जो काम करनेका विचार करते है उनमें
अपनी सारी शक्तियँसे लग जानेका नाम ही कम्म हे । इसके আনীহিক
निश्चित उदेश्य, विचारोकी ददता, समयका सदुपयोग आदि ओर भी
अनेक बातें ऐसी है जिनका होना सफलता-प्राप्तिमं बहुत बड़ा सहायक
होता हे ओर जिनका वर्णन आगेके प्रकरणोंमे किया गया है । इस
अवसर पर हम सफलताके सम्बन्धम कुछ विद्वानोंका मत दे देना
और दो एक साधारण वापं बतला देना ही आवश्यकं ओर यथेष्ट
समझते हैं ।
धनवानों ओर विद्वानोंके मतसे सफलताके रूप ओर लक्षणोंमें भेद्
होना बहुत स्वाभाविक हे; पर हमारे मतलबके लिये दोनोंके मत ओर
विचार उपयोगी ओर आवश्यक है । संसारमें अधिक संख्या उन्ही
लोगोंकी हे जो एक मात्र धनको ही सब कुछ समझते अथवा कमसे कम
धन पर ही सबसे अधिक दृष्टि रखते हैं ओर इसी लिये एक विदाने
मतकी अपेक्षा लोग धनवान्के मतका ही अधिक आदर कर सकते है ।
अतः प्रहले एक प्रसिद्ध धनवान्का मत देना ही उपयुक्त जान पडता
है । इगेटमें राथसचाहइल्ड ( 1२०८11801110 ) नामक एक बहुत बड़ा
व्यापारी घराना है । उसके करोडां पाउडके सेकडों कारवार ओर रोज-
गार होते है 1 उस घरानेके मूलपुरुषने अपने चार सिद्धान्त स्थिर किये
थे । एक तो वह दोहरे ओर तेहरे मुनाफेका काम करता था। अर्थात्
बड़े बड़े कारखानेवालोंके हाथ कच्चा माल बेचता था ओर पीछे उनसे
तेयार माल खरीदकर साधारण ग्राहकोंके हाथ बेचता था । * दूसरे
+ अभी दह्वालमे कलकत्तेकी एक अंगरेजी कम्पनीने ऐसा ही तेहरे मुनाफेका
रोजगार आरम्भ क्रिया है । बह प्राहकोके हाथ मोजे बनानेकी मशीन बेचती है
ओर साथ द्वी मोजे बिननेके लिये ऊन आदि भी । হুল হালা चीजेमि नफ।
लेनेके उपरान्त वह उन्हीं ग्राहकोंसे बने हुए मोजे खरीदती और फिर नफा
“अर लोगोंके द्वाथ बने हुए मोजे बेचती है और इस प्रकार तीन बार नफा
।
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