मुख सरोवर के हंस | Mukh Sarovar Ke Hans
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
225
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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अपनी ही सर्जना का प्रशन-चिह्न
क समय,
काल ने क्या करवट, पवन ने क्या दिशा बदली, कि पंचाचूली
पर्वत-श्रेणी कौ गुरुस्थली में पंचनाम देवों की भादयों की मेंट, केदाए
की यात्रा हुई।
पंचनाम देव कौन ?
गोल्ल, गंगनाथ, भोला, महावली हरु और समराजा ।
काली कुमाऊँ, पाली पदाऊँ के पाँच लोक-देवता, क्रि पड़ती-संध्या,
जगती-मं।र में जिनके नाम की पहली घृप-वाती होती है, कि पहली
फूल-पाती चढ़ती है, कि हम तुम्हारा नाम लेते हैं !
` छहो, पंचनाम देवो !
कथा कहने को दिवस झौर निशा श्रौर, कि पहले तुम्हारी सेवा में
युगल-हाथ, नत-माथ करते हैं, कि ऊंची अ्रटारी, नोची पिटारी पर
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