मुख सरोवर के हंस | Mukh Sarovar Ke Hans

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Mukh Sarovar Ke Hans by शैलेश मटियानी - Shailesh Matiyani

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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1 अपनी ही सर्जना का प्रशन-चिह्न क समय, काल ने क्या करवट, पवन ने क्या दिशा बदली, कि पंचाचूली पर्वत-श्रेणी कौ गुरुस्थली में पंचनाम देवों की भादयों की मेंट, केदाए की यात्रा हुई। पंचनाम देव कौन ? गोल्ल, गंगनाथ, भोला, महावली हरु और समराजा । काली कुमाऊँ, पाली पदाऊँ के पाँच लोक-देवता, क्रि पड़ती-संध्या, जगती-मं।र में जिनके नाम की पहली घृप-वाती होती है, कि पहली फूल-पाती चढ़ती है, कि हम तुम्हारा नाम लेते हैं ! ` छहो, पंचनाम देवो ! कथा कहने को दिवस झौर निशा श्रौर, कि पहले तुम्हारी सेवा में युगल-हाथ, नत-माथ करते हैं, कि ऊंची अ्रटारी, नोची पिटारी पर 3




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