ज्योतिष | Jyotish

Jyotish by पं जगदीशचंद्र गौतम - Pt. Jagdeeshchandra Gautam

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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भविष्य के ज्ञान से श्रत्येक मनुष्य के मन में बुद्धि शक्ति व॑ पेय उत्पन्न होता है यह स्पष्ट हैं। कई आधुनिक पिउतों की यह कहना है कि आकाशमस्य का प्रथ्ची के वस्तु और प्राशियों से कोइ सम्बन्ध नहीं परन्तु जवतक दुनियां में सूय प्रकाश कायम है नभा मण्डल में वायु नित्य वह रही है और चन्द्र सूय के प्रद्णों का अनुभव लोगों को मिल रहा है तबतक ऐसे पणिड़तों के निमंत् का सुन्न जनता पर वा कोइ परिणाम नहीं पर सकता याद हमाए हढ़े विश्वास हे । इसके सिवाय इनका दूसरा आक्षेप यद भी है कि उ्यातिपज्ञ लोग ननता के अज्ञानन कर लाभ उठा उनसे अथ पाति करते हे। यह यथाथ में सत्य है किन्तु इन आक्ेपकारों से क्या हंम यह प्रश्न कर सकते हैं कि इस साग का अयलंबन अंग्ल चिद्या विभूषित पंडित नदीं करते ? हमार समझ में दोनों में सिफ इतना थी अन्तर ह कि आधुनिक दिद्या के पशिउ़तों को राजाश्रय होने के कारण लोगों से द्रव्य उपाजन करने का उन्होंने लायसंस लिया है किन्तु इस पा वीन विद्या के आचार्यों ने ऐसा कोइ लायसंस प्राप्त नदीं किया हे और कवल इसी का रण इस घिद्या को निरुपयोगी ठह्राना याने सूच के तेज को से रोकने का प्रयन्न करना है । तथापि ऐसे आत्षेपका ऐं से हमारा यद निवेदन है कि ये इस शास्त्र से स्वयं परिचित हो ऐस प्रसंगों से बचने का प्रयत्न करें क्योंकि इस जगत में अज्ञानी स का फायदा ज्ञानी




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