योगशास्त्रनु गुजराती भाषांतर | Yogshastrany Gujrati Bhashantar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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थ्र! शावा १११ ই दल्लावमां, राजदंसनी पेते आवी उषन्या. ते पर स्वारे मर्म আম্মা, ब्यरे त्रिशला देवियें, सिंह, ढाथी, बृषत, अभिषेकसहित कक्की, पु व्पमाला, चेठ, सूर्य, महाधष्वज, जरेलोकुंज, पद्मसरोवर, समुझ, विमान, रलराशि, तथा धुमाडाविनानों अप्नि, एवी रीतनां चोद সা জীঘা. पढ़ी शुज्ष दिवसें, त्रणे लोकने उद्योत करनारा, तथा देव अने दानवोना आसनने कंपावनार, तथा कृणवार नारकीना जीवोने पण सुख आपनार, एवा श्रचनो सुखमयसमये जन्म॒ थयो, तथा तेज बखते दिकुमारियों ५ सूतिकर्म” करवा ला मियो; पठि सुधर्म, षजनो जन्मा जिषेक करवा वासते तेने मेरु परवैतपर खर ज, सिंदासनपर बेसाख्या ष्ठी जक्तिथी कोमल ठे, चित्त जेजुं, एवा ते इक शंका करी के, आटलो बधो पाणीनो जार, आ प्रछ्‌, केम सदन करी शकश ? एवी रीतनी इंडनी. शंका हुए कृष्‌ करवाने, प्रजुण लीखामात्रथी, डाबा पगनता अंगरृठाथी, मेरुते दवाव्यो, ते वखते ते पर्वतनां शिखरो, जाएे प्रछुने नमस्कार करवामादेज টি होय नहीं, तेम नमी गयां, तथा कुलपर्वतो पण जाएे प्रछपासे ५ मारे (সবল) करता दोय न्दी, तेम चलसायमान थया; तथा ৃ जाणे स्लात्र करवामाटेज उश्चलता होय नहीं, तेम अत्यंत लठखवा खाग्या, | तथा एथ्वी जाऐे नाचवानी तेयारी करती होय नहीं, तेम कंपवा ला. “आ शुं थयुं?” एम विचारि दं अव चिज्ञानना उपयोगी, चयवानं ब्ीलायित जाण्युं (ते जोड) ईड, षने नस्कार करी कटेवा लाग्यो ङे, देखामि ! मारा जेवो सामान्य भाणस, १ केम जा) शके? मादे मने जे शंका थर इती, ते ^ भिथ्या झुःकृत ” ३। (दुं तेविषे कमा मायुं द.) ঘর্ত। ইজীহ্‌ वाजां वागते, प्र्नो, तीर्थोजां सुगि तथा पवित्र पणीजंयी अननिषेक कर्यो पढ़ी देव, दानक, तथा छवनपतिजेप्‌ ते अनिषेकनां जलने वंदन करी, शरीरे ग॑छ वही परडना स्नाघ्र जल्लथी स्ये थयेद्धी माटी पण वेदनीय अ, कारके, मोटाञंनी संगतिथी हुलका माणसनुं पण गोरव थाय ले. पढी सुधर्मेड, प्रजुने ६- शार्नेंडना खोल्लामां बेसाड़ीने, स्नान करावीने, तथा पूजिने स्तुति करवा क्षाग्यों हे अरिहृंत, भंगरंत! खयंबुछ, अह्या, तीर्घकर, आदिकरनार, पुरपोसभ, लोकमां दीपक समान, श्षोंकने अद्यात. करनारो, , लाकमां क ॥ নস १




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